
कांग्रेस के मतदाताओं का घटना और भारतीय जनता पार्टी के मतदाताओं का बढ़ना इसकी वजह कांग्रेस के स्वयंभू नेता हैं जो मतदाता सूचियो पर गंभीरता से ध्यान नहीं देते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने कार्यकर्ता और अपने पारंपरिक मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ रखा है। अब कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के स्वयंभू नेताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया है। यही वजह है कि कांग्रेस निरंतर चुनाव हार रही है। यदि कांग्रेस ने समय रहते गंभीरता से मतदाता सूचियो पर ध्यान नहीं दिया तो फिर देश में चुनाव ईवीएम मशीनों से हो या बैलट पेपर से कांग्रेस की स्थिति जस की तस रहेगी।
-देवेंद्र यादव-

देश में क्या निकट भविष्य में चुनाव ईवीएम मशीनों के बजाय बैलटपेपर से होंगे और क्या सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
यदि आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र के इंडिया गठबंधन के नेताओं के बयान और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर लगाए जा रहे आरोपो पर गौर करें तो कुछ ऐसा ही महसूस होता है। यदि ईवीएम मशीनों में गडबडी का विपक्षी पार्टिया और अब कुछ स्थानों पर जनता ने आरोप लगाए हैं। इससे आम जन में भी संदेह पैदा होने लगा है। माना जा रहा है कि भाजपा ने तो यदि चुनाव ईवीएम मशीनों के बजाय बैलट पेपर से कराने का फैसला हो गया तो इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। शायद भाजपा की इसी की तैयारी को लेकर केजरीवाल ने आरोप भी लगाने शुरू कर दिए। केजरीवाल ने दिल्ली में वोटर लिस्ट में जो हेर फेर करने का आरोप लगाया है, वह इशारा करता है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता मतदाता सूचियां में भारतीय जनता पार्टी के पारंपरिक वोटरों के नाम घर-घर जाकर जुड़वाने में लग गए हैं। जहां तक कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की बात करें तो, वे अभी अडानी और मणिपुर और संभल जैसे मुद्दो और ईवीएम मशीनों में घोटाले को लेकर उलझी हुई है। जबकि भाजपा इन सब मुद्दों की परवाह किए बगैर, मतदाता सूचियो पर ध्यान दे रही है।
जहां तक देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का सवाल है, उसके पारंपरिक मतदाता कांग्रेस से अलग यूं ही नहीं हुए हैं। कांग्रेस के नेता मलाई दार पदों पर ध्यान रखते हैं मतदाता सूचियो में अपने पारंपरिक मतदाताओं के नाम जुड़वाने पर ध्यान नहीं देते हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता 12 महीने इस मुख्य काम को अंजाम देने में लगे रहते हैं। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल हुई है और यदि अरविंद केजरीवाल के इस आरोप की भाजपा मतदाता सूचियो में घोटाला कर रही है तो यह मानकर चलिए यदि भविष्य में चुनाव ईवीएम मशीनों से नहीं होकर बैलट पेपर से हुए तो भाजपा केंद्र में प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर आएगी, क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं को फुर्सत ही नहीं है कि वह मतदाता सूचियो में अपने पारंपरिक मतदाताओं के नाम जुड़वाएं, और अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से नहीं कटे। कांग्रेस के मतदाताओं का घटना और भारतीय जनता पार्टी के मतदाताओं का बढ़ना इसकी वजह कांग्रेस के स्वयंभू नेता हैं जो मतदाता सूचियो पर गंभीरता से ध्यान नहीं देते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने कार्यकर्ता और अपने पारंपरिक मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ रखा है। अब कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के स्वयंभू नेताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया है। यही वजह है कि कांग्रेस निरंतर चुनाव हार रही है। यदि कांग्रेस ने समय रहते गंभीरता से मतदाता सूचियो पर ध्यान नहीं दिया तो फिर देश में चुनाव ईवीएम मशीनों से हो या बैलट पेपर से कांग्रेस की स्थिति जस की तस रहेगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)