-विष्णुदेव मंडल-

(चेन्नई के स्वतंत्र पत्रकार)
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पूर्ण रूपेण चुनावी मोड में आ गए हैं। वह हर दिन कहीं ना कहीं केंद्र सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं की मोदी सरकार तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जब तक केंद्र से भाजपा सरकार नहीं हटेगी तब तक तमिलनाडु में द्रविड़ मॉडल लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया की तमिलनाडु देश के दूसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है बावजूद इसके केंद्र सरकार तमिलनाडु के हिस्से की राशि देने में सौतेला व्यवहार कर रही है। जब तक केंद्र में मोदी सरकार रहेगी तमिलनाडु का कल्याण नहीं हो सकता इसलिए देश में इंडिया एलाइंस बनाया गया है जो आगामी 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हरा देगी। उन्होंने डीएमके कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह 2019 में एनडीए गठबंधन को तमिलनाडु से सुपड़ा साफ कर दिया वैसा ही 2024 में भी करना होगा। इसीलिए देश स्तर पर इंडिया एलियांज का गठन हुआ है जो आगामी लोकसभा में नरेंद्र मोदी नीत गठबंधन एनडीए को चुनाव में हराएगी उसके बाद ही तमिलनाडु का कल्याण हो पाएगा।
भाजपा तमिलनाडु के सरकार के खिलाफ डोर टू डोर कर रही है प्रचार
जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा के खिलाफ जन-जन तक पहुंचाने की बातें कर रहे हैं वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई पिछले महीने भर से पदयात्रा पर हैं। वह पदयात्रा के माध्यम से कांग्रेस नीत डीएम के गठबंधन के समय तमिलनाडु में विकास कार्यों की तुलना भाजपा नीत एनडीए गठबंधन के पिछले 9 सालों के कार्यकाल का लेखा-जोखा आम जनता तक पहुंचा रहे हैं। साथ ही डीएमके सरकार में हुए भ्रष्टाचार का भी पोल खोल रहे हैं। भाजपा नेता के फाइल वन डीएमके फाइल 2 के माध्यम से डीएमके शासन में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं भाजपा गठबंधन के कार्यकाल में केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को दी गई योजनाओं का लाभ के बारे में भी विस्तृत चर्चा कर रहे हैं।
तमिलनाडु के सबसे प्रमुख विपक्षी दल एआईएडीएम के तमिलनाडु सरकार के खिलाफ आक्रामक नजर नहीं आ रहे हैं जितना कि उन्हें होना चाहिए। बहरहाल तमिलनाडु में भाजपा और डीएमके आमने-सामने हैं। कभी भाषा को लेकर तो कभी भ्रष्टाचार को लेकर तमिलनाडु के फिजा में भाजपा और डीएमके के बीच रार और तकरार जारी है। यहां उल्लेखनीय है की 2019 में जब नरेंद्र मोदी का हवा चल रही थी उस वक्त भी तमिलनाडु में बीजेपी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। उनके एलाइंस एडीएम के को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भाजपा की आक्रामक राजनीति तमिलनाडु में कमल खिला पाएगा या नहीं भविष्य तय करेगी।