-विष्णु देव मंडल-

(स्वतंत्र पत्रकार)
चेन्नई। वैसे तो लोकसभा चुनाव साल 2024 में होने हैं, लेकिन तमिलनाडु में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। जहाँ पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोयंबतूर में चुनावी बिगुल फूंक दिया, वहीं बुधवार को तमिलनाडु के सत्ताधारी डीएमके अध्यक्ष और सूबे के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पार्टी मुख्यालय में पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बैठक को संबोधित करते हुए आगाह किया कि भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु में दस्तक दे दी है। वह आगामी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर सकती है। इसलिए पार्टी कार्यकर्ता एकजुटता के साथ तमिलनाडु सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में घर घर जानकारी पहुंचाए और सांप्रदायिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी को तमिलनाडु में आने से रोकने के लिए प्रयासरत रहें। उन्होंने कहा दुश्मन को कभी कमजोर और छोटा समझने की भूल ना करें, खास कर तब जब विरोधी सामने खड़ा हो। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा पार्टी तमिलनाडु में भी धर्म क्षेत्र और भाषा के आधार पर बांटने के लिए तैयार बैठी है वह एकता और अखंडता के बीच में खाई पैदा करने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। लेकिन हमें उन्हें रोकने के लिए प्रेम और भाईचारे का संदेश देना होगा। धर्मनिरपेक्षता हमारी आत्मा है, संविधान ने हमें धर्मनिरपेक्षता प्रदान की है। हमें हर धर्म हर संप्रदाय के बारे में बेहतर सोचना है। जबकि विरोधी धर्म के आधार पर देश को बांटने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे ह,ैं इसलिए उन्हें तमिलनाडु में कामयाब नहीं होने देना है। सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुंचाना है।
यहाँ उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कोयंबतूर में सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मौजूदा तमिलनाडु सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि तमिलनाडु सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त एक परिवार के पार्टी है और पार्टी ही परिवार है। ऐसे में तमिलनाडु की सभ्यता, संस्कृति भाषा और सभी तरह के संरक्षण के लिए तमिलनाडु के मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करना चाहिए।

उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए आगाह किया कि तमिलनाडु की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी भी करने लगे हैं। मौजूदा सरकार और उनके सहयोगी दल आईएसआईएस से संबंध रखने वाले आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं करते लेकिन आरएसएस जैसे धार्मिक और सामाजिक संगठनों पर आतंकवाद का आरोप लगाते हैं। तमिलनाडु में पीएफआई के कई ठिकाने हैं। राज्य सरकार उन्हें रोकने में असफल है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय जन कल्याण योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेता एवं सहयोगी दलों के नेता कार्यकर्ता भ्रष्टाचार और धन उगाही में लगे हैं और सरकार भाजपा पर देश तोड़ने का आरोप लगा रही है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु विधानसभा में विपक्षी पार्टियों के रूप में एआईएडीएमके हैं जो गुटबाजी में लिप्त है। पार्टी के तीन धडे हो चुके हैं। ओपीएस और ईपीएस आपस में लड़ रहे हैं, शशिकला अब तक निष्क्रिय है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष अन्नामलाई सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं और अपने कैडर को मजबूत करने में लगे हुए हैं। भाजपा के लिए रास्ता कठिन है लेकिन नामुमकिन नहीं है!

















