
-संदीप दीक्षित और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव की जोड़ी कारगर सिद्ध हो सकती है कांग्रेस के लिए
-देवेंद्र यादव-

इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल चर्चा में है। इसका कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत और हार की चाबी पूर्वांचल के मतदाताओं के हाथ में होना माना जा रहा है। पूर्वांचल के मतदाताओं की महत्ता की झलक उस समय दिखाई दी जब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पूर्वांचल के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब करने के आरोप लगाए। कांग्रेस ने भी दिल्ली में प्रवासित पूर्वांचल के लोगों के अस्तित्व और सम्मान की रक्षा करने की बात कही।
सवाल यह है कि दिल्ली चुनाव में पूर्वांचल के मतदाताओं का बड़ा नेता कौन है। आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज तिवारी या कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित। इनमें कौन अपनी अपनी पार्टियों के पक्ष में पूर्वांचल के मतदाताओं का मतदान करवा सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में मनोज तिवारी को आगे करके चुनाव लड़ा था मगर भाजपा सफल नहीं हो सकी। कांग्रेस ने 2003 में दिल्ली विधानसभा चुनाव शीला दीक्षित के नेतृत्व में लड़ा था। कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली। कांग्रेस ने भाजपा को हराकर अपनी सरकार बनाई और शीला दीक्षित लगातार तीन बार राज्य की मुख्यमंत्री रही। आम आदमी पार्टी ने गोपाल राय को आगे किया और नई नवेली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से सत्ता छीनी।
2025 के विधानसभा चुनाव में फिर एक बार पूर्वांचल की चर्चा जोरों पर है। दिल्ली में शीला दीक्षित ने पूर्वांचल के लोगों के लिए जो काम किया वह आज भी पूर्वांचल के लोग नहीं भूले हैं।
कांग्रेस के पास दिल्ली विधानसभा चुनाव में अवसर है शीला दीक्षित सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों को बताने का। कांग्रेस ने शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए संदीप दीक्षित और बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव की जोड़ी कारगर सिद्ध हो सकती है। कांग्रेस हाई कमान को खासकर राहुल गांधी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव को बड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए।
विगत दिनों झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जो सरकार बनी उसमें बड़ी भूमिका पप्पू यादव की थी। झारखंड चुनाव में कांग्रेस को ज्यादातर विधानसभा सीटों पर जीत पप्पू यादव के धुआंधार प्रचार के कारण मिली थी। कांग्रेस को दिल्ली चुनाव में भी पप्पू यादव को प्रचार में बड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए। परिणाम झारखंड की तरह कांग्रेस के पक्ष में आ सकते हैं क्योंकि पप्पू यादव पूर्वांचल के बड़े नेता हैं। पूर्वांचल की गरीब जनता पप्पू यादव को अपना मसीहा मानती है। पप्पू यादव हमेशा पूर्वांचल की जनता के हक के लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ते हैं।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं