
-द ओपिनियन-
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद की बैठक शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। बाद मंे उन्होंने राजस्थान के भाजपा सांसदों से वन टू वन मुलाकात में अगामी विधानसभा चुनावों व अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर फीडबैक भी लिया। राजस्थान में इस बार मुकाबला बहुत मुश्किल है। हालांकि पिछले दो दशकों से एक बार भाजपा व एक बार कांग्रेस के सत्ता में आने का सिलसिला चल रहा है लेकिन इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं भाजपा भी वापसी का सपना देख रही है। इसी पृष्ठभूमि में पीएम मोदी की भाजपा सांसदों से मुलाकात हुई। पीएम ने उन्हें संगठन की ताकत का महत्व बताया और कहा कि पार्टी से बडा कोई नहीं होता।
समझा जाता है कि पीएम ने अपनी बातचीत में पार्टी सांसदों को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संदेश दिया और एकजुट होकर चुनावी तैयारी में जुट जाने के लिए कहा। अब यह बात तो बिल्कुल साफ हो गई लगती है कि इस बार पार्टी का राजस्थान से कोई चुनावी चेहरा नहीं होगा। सबसे बडा चेहरा पीएम मोदी ही होंगे। पीएम ने यह बैठक ऐसे समय की है कि जब इसके अगले ही दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजस्थान के दौरे पर मानगढ धाम में पार्टी की रैली को संबोधित करेंगे। कांग्रेस भी कई अंदरूनी समस्याओं से घिरी है तो भाजपा भी कई मुश्किलों का सामना कर रही है। इसलिए लगता है कि भाजपा पीएम मोदी का सहारा ले रही है ताकि उनके नाम का पार्टी को फायदा मिल सके। राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े प्रचारक विचारक व चेहरा हैं। लेकिन राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस के पास चुनावी चेहरा मुख्यमंत्री गहलोत ही हैं और वह अपने कई साहसिक फैसलों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। जिसमें एक साथ 19 जिलों का गठन का भी शामिल है। इसलिए भाजपा के सामने कड़ी चुनौती है।
पीएम मोदी ने भाजपा सांसदों को इस तरह काम करने की सलाह दी हैै कि वे 2047 तक सत्ता में रहने का लक्ष्य तयकर फिर काम करें। पीएम मोदी ने यह नसीहत भी दी कि वे अति आत्मविश्वास में न रहंेे बल्कि जमीन से जुड़ कर चुनाव तैयारियों जुट जाएं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि संसद की सदस्यता बहाली के बाद से कांग्रेस पार्टी और नेताओं में उत्साह का संचार हुआ है। पार्टी हाल के विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक में जीत हासिल कर पहले ही उत्साह से लबरेज है। इसलिए भाजपा को इस बार कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। खबर तो यह भी है कि कांग्रेस इस बार चुनावों में आरएलपी व वामदलों के साथ गठबंधन कर सकती है। भाजपा सांसदों को इस सारे परिदृश्य के बीच ही पीएम मोदी ने अपने प्रयासों को तेज करने के लिए कहा है।