-द ओपिनियन-
कर्नाटक विधानसभा चुनावों को लेकर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के साथ ही भाजपा पार्टी को सियासी झटकों का सामना करना पड रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवादी के पार्टी से इस्तीफे और कांग्रेस का दामन थाम लेने के बाद अब एक और दिग्गज नेता ने पार्टी से किनारा कर लिया है। कांग्रेस भाजपा छोड़कर आ रहे नेताओें को गले लगाने को तैयार है। सावदी को कांग्रेस ने उसी अथानी सीट से प्रत्याशी बनाया है जहां से वह भाजपा का टिकट चाहते थे। अब पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। वे पार्टी से भी इस्तीफा दे रहे हैं। अभी तक उन्होंने यह घोषणा नहीं की है कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे या नहीं या खुद निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे। शेट्टार कहते रहे हैं कि वह पार्टी या सरकार में कोई पद नहीं केवल विधायक बनाना चाहते हैं, पार्टी को उन्हें टिकट देना चाहिए। शेट्टार ने कहा, मैं पार्टी का वरिष्ठ सदस्य हूं, मुझे टिकट से वंचित किया गया है। मुझे यह भी नहीं पता कि मुझे टिकट न देने के पीछे क्या कारण है। उन्होंने टिकट को लेकर अपनी भावना से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत कराया था। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी उनको मनाने में जुटे हुए थे लेकिन बात नहीं बनी और अंततः शेट्टार ने पार्टी से किनारा कर लिया। जोशी ने यह भी कहा था कि टिकट के लिए उनके नाम पर विचार पार्टी कर सकती है। लेकिन कोई हल नहीं निकला। शेट्टार का दावा है कि उनके इस्तीफे से 20-25 सीटों पर फर्क पडेगा। शेट्टार उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को अपना इस्तीफा सौंपा। उधर, कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया कहते हैं कि अगर जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो वह उनका स्वागत करेंगे। दरअसल कांग्रेस ने अभी तक हुबली-धारवाड़ केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए टिकट की घोषणा नहीं की है। इसी सीट से शेट्टार भाजपा से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया।
सिद्धरमैया को नहीं मिला दो सीट से मौका
कांग्रेस ने शनिवार शाम 43 और सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। और अब यह साफ हो गया है कि सिद्धरमैया को कोलार सीट से टिकट नहीं मिलेगा। सिद्धरमैया को पार्टी ने वरुणा से प्रत्याशी बनाया है लेकिन वह एक और सीट कोलार से भी चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो सकी। पार्टी ने कोलार से उनको प्रत्याशी नहीं बनाया है। कांग्रेस ने कोलार सीट पर सिद्धारमैया के बजाय कोथुर जी मंजूनाथ को टिकट दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सिद्दारमैया की योजना दो सीटों से चुनाव लड़ने की थी। उनकी योजना कोलार को बनाए रखने और वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा देने की थी। वह उपचुनाव में अपने बेटे यतींद्र सिद्दारमैया का वहां से चुनाव लड़ाने के इच्छुक थे। लेकिन फिलहाल पार्टी की मंशा कुछ और ही है।

















