-विष्णुदेव मंडल-

(स्वतंत्र पत्रकार)
पटना। खम्मम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की ओर से आयोजित एक भव्य रैली विपक्ष की एकता की दिशा में एक कदम मानी जा रही थी लेकिन इस रैली के एक दिन बाद ही भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की सर्वाधिक वकालत करने वाले नीतीश कुमार ने इस रैली के बारे में अनभिज्ञता जाहिर कर दी। जबकि इस रैली में विपक्षी दलों के कई नेताओं ने भाग लिया था।
नीतीश कुमार हाल ही में आगामी 2024 के आम चुनावों से पहले भाजपा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकता के लिए कदम उठा रहे थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति में गठबंधन में उठा पटक के बाद से उनका रुख बदला नजर आ रहा है। यह अटकलें चल रही हैं कि नीतीश कुमार फिर आरजेडी से पल्ला झाड भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। गठबंधन के दोनों दलों के नेताओं की हाल ही की बयानबाजी इसी परिपेक्ष्य में देखी जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि उनकी केवल एक ही इच्छा है और मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। मेरा केवल एक ही सपना है, विपक्षी नेताओं को एकजुट होकर आगे बढ़ते हुए देखना। इससे देश को फायदा होगा। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निमंत्रण पर प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा तेलंगाना के खम्मम में एक संयुक्त रैली में खुद की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे केसीआर द्वारा आयोजित एक रैली के बारे में नहीं पता था। मैं किसी और काम में व्यस्त था। जिन्हें उनकी पार्टी की रैली में आमंत्रित किया गया था वे गए होंगे।
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और वामपंथी नेता पिनाराई विजयन और डी राजा जैसे नेता इस रैली में शामिल हुए। इस रैली से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आखिरी कुछ दिनों पर ध्यान केंद्रित करने वाली कांग्रेस भी गायब थी।
इस रैली को 2024 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले एक गैर.कांग्रेसी विपक्षी मोर्चे की ओर पहले बड़े कदम के रूप में देखा गया। विपक्षी नेताओं ने इस रैली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया। तेलंगाना राष्ट्र समिति टीआरएस के भारत राष्ट्र समिति बीआरएस के रूप में राष्ट्रीय हो जाने के बाद यह तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव की पहली बड़ी जनसभा थी। राव ने रैली में पीएम मोदी की नीतियों पर तंज कसा और कहा कि वह 2024 के चुनाव के बाद घर जाएंगे। उन्होंने कहामैं सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कह रहा हूं। आपकी नीति निजीकरण है। हमारी नीति राष्ट्रीयकरण है।


















विपक्षी एकता के लंबरदार नीतीश कुमार विरोधी पार्टियों की एकता का सपना संजोने बैठे हैं जबकि तेलंगाना के खम्मम में बीजेपी विरोधी दलों के नेताओं की बैठक में नीतीशकुमार को बुलाया तक नहीं गया है. नीतीश बाबू पलटूराम के नाम से जग जाहिर है शायद इसीलिए केसीआर ने खम्मम में इनको बुलाना उचित नहीं समझा था