
-देवेंद्र यादव-

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी वोटर का अधिकार यात्रा के नौवे दिन मुजफ्फरपुर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल विकास का नहीं बल्कि वोट चोरी कर सरकार कैसे बनाई जाती है इसका था। राहुल गांधी की बिहार में वोटर का अधिकार यात्रा जैसे-जैसे अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी पर राजनीतिक हमले तेज होते जा रहे हैं। राहुल गांधी ने बुधवार 27 अगस्त को बताया कि गुजरात मॉडल मोदी का विकास का मॉडल नहीं है। गुजरात मॉडल चुनाव में वोट की चोरी का बड़ा मॉडल है। इस मॉडल को अपनाकर मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत कर पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। इसी मॉडल की वजह से मोदी लगातार गुजरात में भी सरकार बना रहे थे। बाद में मोदी और शाह इसी मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर अपना कर केंद्र में सरकार बना रहे हैं। अब उनकी चोरी पकड़ी गई। अब कांग्रेस और इंडिया गठबंधन उनके इस मॉडल को कामयाब नहीं होने देंगे। बुधवार 27 अगस्त को मुजफ्फरपुर में राहुल को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन का भी साथ मिला। स्टालिन ने भी भाजपा पर वोट चोरी कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया और कहा कि आगे अब हम भाजपा को कामयाब नहीं होने देंगे।
राहुल गांधी ने बिहार में अपनी वोटर का अधिकार यात्रा का शुभारंभ मोदी सरकार के द्वारा चुनाव में वोट की चोरी का मुद्दा उठाकर किया था। अब राहुल गांधी अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में जनता को यह बता रहे हैं कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर वोटो की चोरी कैसे करते हैं। यह भी बता रहे हैं कि मोदी और शाह सहित भाजपा के नेताओं को कैसे पता होता है कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी इतनी सीट जीतेगी। राहुल गांधी ने कहा कि राजनीति में नेताओं को एक पल का भी पता नहीं होता है कि भविष्य में क्या होगा। लेकिन भाजपा के नेता कैसे बता देते हैं कि भाजपा इतनी सीट जीतेगी और जो वह बताते हैं भाजपा उतनी ही सीट जीतती है। मतलब साफ है भाजपा चुनाव में वोट की चोरी करती है। वोट चोरी के दम पर सरकार बनाती है। मोदी और शाह पर किए जा रहे राजनीतिक हमले से लग रहा है कि राहुल गांधी अब भारतीय जनता पार्टी को संभलने का भी मौका नहीं देना चाहते हैं। भविष्य में देश की राजनीति में क्या होगा इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अंबानी परिवार को अंदाजा हो गया है कि, भविष्य में देश की राजनीति में क्या होगा। क्या भविष्य में देश में कांग्रेस नीत महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है और प्रधानमंत्री राहुल गांधी बन सकते हैं। राहुल गांधी ने जब से चुनाव आयोग और भाजपा पर मतदाता सूचियों में धांधलीकर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है उसके बाद से राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर राहुल गांधी की वोट का अधिकार यात्रा से कहीं अधिक चर्चा आरएसएस और अंबानी परिवार के भाजपा से संबंधों को लेकर अधिक होते हुए सुनाई दे रही है। चर्चा यह हो रही है कि आरएसएस और मोदी सरकार के बीच संबंध बेहतर नहीं चल रहे हैं। कुछ इसी तरह की चर्चा अब अंबानी परिवार को लेकर भी सुनाई देने लगी है। सवाल उठता है कि क्या अंबानी और आरएसएस समझ गए हैं कि देश की राजनीति का मिजाज बदलने वाला है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लंबे समय से मोदी और शाह पर राजनीतिक हमले कर रहे हैं। उन हमलों में राहुल गांधी के हमले आरएसएस और अंबानी पर भी उतने ही बढे हैं जितने भाजपा पर। राहुल गांधी बताते हैं कि मोदी और शाह अडानी और अंबानी को फायदा पहुंचा रहे हैं। मोदी किसानों का कर्ज माफ नहीं करते हैं जबकि दो बड़े उद्योगपतियों अदानी और अंबानी का लाखों करोड़ का कर्ज माफ कर देते हैं। राहुल गांधी यह भी आरोप लगाते हैं कि क्या जनता ने कभी ईडी और सीबीआई को अंबानी और अडानी के यहां छापे मारते हुए देखा है। राहुल गांधी के बयानों की चिंता अब अंबानी को सताने लगी है क्या ? यह बड़ा सवाल है और इसके जवाब का इंतजार है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)