
-देवेंद्र यादव-

राहुल गांधी ने कहा था कि यदि मैं बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी। संसद में तो राहुल गांधी बोल नहीं पा रहे हैं क्योंकि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है ऐसा आरोप स्वयं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी केंद्र की भाजपा सरकार पर लगा रहे हैं। मगर संसद के बाहर राहुल गांधी लगातार, वोटो की चोरी कर चुनाव जीतने का आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगा रहे हैं। इससे संसद में तो नहीं लेकिन संसद के बाहर सुनामी जैसी झलक नजर आने लगी है। 21 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था। चारों दिन इंडिया गठबंधन ने राहुल गांधी की अगुवाई में, संसद के भीतर और बाहर बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा चलाए जा रहे एस आई आर के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा।
संसद के बाहर राहुल गांधी ने प्रेस से मुखातिब होकर दावा किया कि हमारे पास शत प्रतिशत चुनाव में धांधली करने के प्रमाण मौजूद हैं। भारतीय जनता पार्टी चुनाव में वोटो की चोरी कर जीत रही है।

राहुल गांधी 24 जुलाई को संसद के बाहर खड़े होकर प्रेस के सामने भाजपा पर वोटों में धांधली कर चुनाव जीतने का आरोप लगा रहे थे वहीं तेजस्वी यादव बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहे थे। उनका कहना था कि मनमानी ढंग से मतदाताओं के वोटर लिस्ट से नाम काटे गए और जोड़े गए तो राजद विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगी और विपक्ष चुनाव का बहिष्कार करेगा। राहुल गांधी का सुनामी वाला वक्तव्य की झलक संसद के भीतर तो नजर नहीं आ रही है मगर संसद के बाहर नजर आने लगी है। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी भी समझ रहे हैं सुनामी संसद के भीतर नहीं बल्कि संसद के बाहर आना जरूरी है। राजनीतिक लाभ इंडिया गठबंधन को संसद के भीतर सुनामी लाने से नहीं मिलेगा। लाभ मिलेगा संसद के बाहर जनता के बीच सुनामी को देख हलचल मचेगी तब। चुनाव आयोग के आदेश ने बिहार में राजनीतिक दलों के बीच हलचल मचा रखी है। अब राजनीतिक दल जनता के बीच चुनाव आयोग के फरमान के विरोध में कितनी हलचल मचा पाते हैं इसका इंतजार करना होगा। राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ बयान देकर चुनाव आयोग और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच हलचल तो मचा दी है। मगर यह हलचल जनता के बीच भी मचेगी क्या यह देखना होगा।
कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और लंबे समय तक देश की सत्ता पर कांग्रेस का राज रहा है। उसके हाथ में बड़ी जिम्मेदारी है। वह जनता के हितों की रक्षा कैसे कर पाती है इसके लिए कांग्रेस को अपने दलित, आदिवासी, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के केडर को मजबूत करना होगा। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता आरोप लगा रहे हैं कि वोटर लिस्ट से दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। इन मतदाताओ के मतों की रक्षा करने के लिए जरूरी है कांग्रेस के अपने संगठन दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक को मजबूत करने की। राहुल गांधी भले ही मतदाता सूची को लेकर सरकार पर आरोप लगाकर विरोध कर रहे हैं। मगर राहुल गांधी जिन मतदाताओं के मतों की रक्षा करने के लिए लड़ रहे हैं क्या उन मतदाताओं के तथाकथित कांग्रेस के नेता लड़ाई में राहुल गांधी के साथ खड़े हैं। उन्हें मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ खड़ा होना होगा तब राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन लड़ाई को जीत पाएगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)