
-देवेंद्र यादव-

भारत जोड़ो यात्रा की तरह राहुल गांधी की बिहार में वोटर का अधिकार यात्रा को भी भारतीय जनता पार्टी के नेता सफल बनाते नजर आ रहे हैं। शुक्रवार 29 अगस्त को पटना में कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यालय सदाकत आश्रम पर सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जो उत्पात मचाया, उससे कांग्रेस को भले ही आर्थिक नुकसान हुआ हो, मगर कांग्रेस और राहुल गांधी की वोट के अधिकार यात्रा को बड़ा फायदा होता हुआ नजर आ रहा है। राहुल गांधी अपनी यात्रा में बिहार की जनता को यह बताते और समझाते नजर आते हैं कि भाजपा के लोग आमजन की आवाज को कैसे दबाते हैं। राहुल गांधी की इस बात पर, शुक्रवार 29 अगस्त को कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम पर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन ने मोहर लगा दी। राहुल गांधी ने शुक्रवार की घटना पर गांधीवादी तरीके से अपनी उदारता दिखाते हुए कहा कि सत्यमेव जयते, सत्य की एक दिन जीत होगी। कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम की घटना ने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के बड़े नेताओं के नेहरू जी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और श्रीमती सोनिया गांधी पर दिए गए बयानों को भी उजागर कर दिया। राजद नेता राज्यसभा सांसद मनोज झा और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने, सदाकत आश्रम की घटना पर दमदारी से मोर्चा संभालते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नेहरू, इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी पर की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए, कहा कि भाजपा दूध की धुली हुई नहीं है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीमती सोनिया गांधी के लिए किन-किन शब्दों का प्रयोग किया लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने कभी भी भाजपा की तरह अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी। इस घटना ने यह भी बताया कि राहुल गांधी अब अकेले नहीं है उनके साथ पूरी कांग्रेस और कांग्रेस के बड़े नेता मौजूद हैं। मैंने अपने 25 अगस्त के ब्लॉग में लिखा था कि राहुल गांधी जिन समुदाय के लोगों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं, उन समुदाय के कांग्रेसी नेता राहुल गांधी की वोटर के अधिकार यात्रा में नजर क्यों नहीं आ रहे हैं। राहुल गांधी की यात्रा के अंतिम दिनों में मुकुल वासनिक, सचिन पायलट, बीके हरिप्रसाद, भक्त चरण दास, अजय लल्लू जैसे ओबीसी और दलित नेता पहली बार एक साथ बिहार में देखे गए।

शुक्रवार 29 अगस्त को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, अजय लल्लू और उड़ीसा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास ने प्रेस वार्ता भी की। अब सबकी नजर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पर है जहां राहुल गांधी की वोटर के अधिकार यात्रा का 1 सितंबर को समापन होगा। राजनीतिक पंडित और मीडिया की नजर उन तमाम इंडिया गठबंधन के नेताओं पर होगी जो राहुल गांधी की वोटर का अधिकार यात्रा में शामिल होंगे। राहुल गांधी की यह यात्रा भाजपा सरकार के खिलाफ अभी नहीं तो कभी नहीं वाली भी है। 1 सितंबर को पटना में, पूरी कांग्रेस एक साथ एक जगह नजर आएगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)