
-देवेंद्र यादव-

दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में शुक्रवार 25 जुलाई को कांग्रेस ओबीसी विभाग के भागीदारी न्याय सम्मेलन में पहली बार ओबीसी वर्ग के देश भर से आए बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता और नेताओं की भागीदारी दिखी। यह पार्टी के लिए ऐतिहासिक पल थे। इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का भाषण भी बेबाकी से भरपूर रहा। उन्होंने अपनी बात ओबीसी वर्ग के लोगों और नेता व कार्यकर्ताओं के सामने रखी !
उन्होंने मंच से कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेंशन नहीं है। मोदी में कोई दम नहीं है। मीडिया की वजह से मोदी की हवा बनी हुई है। राहुल गांधी को पहली बार कांग्रेस के किसी आयोजन में इतना सहज और खुश देखा गया।
मंच पर उपस्थित, कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने समवेत स्वर में कहा कि दलित, ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे राहुल गांधी अकेले नहीं है। हमें न्याय की लड़ाई में राहुल गांधी के साथ मजबूती के साथ खड़ा होना होगा।

अक्सर देखा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को लेकर संसद से लेकर सड़क पर केवल राहुल गांधी ही नजर आते हैं। कांग्रेस का अन्य कोई नेता राहुल गांधी के साथ खड़ा नजर नहीं आता है। मगर कांग्रेस के ओबीसी नेताओं ने राहुल गांधी के साथ खड़े होने की मंच से शपथ ली। भागीदारी न्याय सम्मेलन में पहली बार ओबीसी वर्ग के लोगों को यह भी पता चला होगा कि कांग्रेस ओबीसी वर्ग को सत्ता और संगठन में कब से और कितनी भागीदारी देती आ रही है। ओबीसी वर्ग के लोगों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जी स्वामी और बी के हरिप्रसाद और सचिन पायलट को मंच पर देखा। यह सभी नेता ओबीसी वर्ग से आते हैं। सिद्धारमैया, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, जी स्वामी वह नेता है जो मुख्यमंत्री हैं अथवा मुख्यमंत्री रहे। राहुल गांधी ने मंच से ओबीसी के बड़े नेताओं को कार्यकर्ताओं का आइकॉन बताया। उन्होंने कहा कि यह आपके लिए आइकॉन हो सकते हैं मगर अब केवल इनसे काम नहीं चलेगा। हमें कांग्रेस के भीतर 40- 50 और ताकतवर नेता तैयार करने होंगे। राहुल गांधी कांग्रेस में नई लीडरशिप तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। क्या राहुल गांधी का ओबीसी सम्मेलन के मंच से यह बड़ा इशारा था कि हमें ओबीसी वर्ग के 40 से 50 मजबूत नेता तैयार करने हैं। राहुल गांधी ने मोदी के संदर्भ में कहा कि मोदी कोई टेंशन नहीं है। मगर राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग के ही नहीं बल्कि कांग्रेस के पांच बड़े नेताओं सिद्धारमैया, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल जी स्वामी, सचिन पायलट की उपस्थिति में नाम लेकर यह कहा कि यह नेता आपके लिए आइकॉन हो सकते हैं लेकिन हमें 40 से 50 मजबूत नेता तैयार करने हैं। भले ही राहुल गांधी को मोदी से कोई टेंशन नहीं है मगर राहुल गांधी के बयान के बाद ओबीसी वर्ग के आईकॉन नेता टेंशन में आ गए होंगे।
देश के राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस ओबीसी विभाग के सम्मेलन को देखकर चर्चा है कि इतनी भीड़ ओबीसी वर्ग के नेताओं कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवी वर्ग कि पहले कभी नहीं देखी। पहली बार कांग्रेस के आयोजन में ओबीसी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। इस आयोजन का मास्टरमाइंड कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सलाहकार गुरदीप सिंह सप्पल हैं जो, कांग्रेस के भीतर बेहतर रणनीतिकार हैं। गुरदीप सिंह सप्पल ने ही कुछ दिन पहले वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को रोकने के लिए उत्तराखंड से कांग्रेस के भीतर मेरा वोट मेरा अधिकार अभियान चलाया था।
कांग्रेस के भीतर लंबे समय बाद मजबूत और ताकतवर, रणनीतिकार गुरदीप सिंह सप्पल नजर आ रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि राहुल गांधी के पास कुंडली मारकर बैठे नौ सीखिया रणनीतिकार, सप्पल की सटीक और लाभकारी रणनीतियों को सफल होने देंगे?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)