
-हैदराबाद में वामपंथी एकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक सेमिनार आयोजित
अक्तूबर क्रांति दिवस 7 नवंबर को हैदराबाद के ” सुन्दरैया विज्ञान केंद्रम ” सभागार में एमसीपीआई (यू) और आरएमपीआई द्वारा गठित कम्युनिस्ट कार्डिनेशन कमेटी द्वारा वामपंथी एकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक सेमिनार आयोजित की गई। सेमिनार में 15 से अधिक वामपंथी दलों के शीर्ष नेतृत्वकारी सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। सभा में भारी संख्या में मज़दूर,किसान, छात्र, युवा, महिलाऐं आदि उत्साह के साथ उपस्थित हुए।
कोटा (राजस्थान) से सेमीनार में आमंत्रित , एमसीपीआई (यू) के पीबी सदस्य और जनवादी साहित्यकार महेन्द्र नेह ने हिस्सा लिया।
” वर्तमान राजनीतिक स्थिति: साम्प्रदायिक फासीवादी कॉरपोरेट ताकतों का खतरा :साम्यवादी और वामपंथी शक्तियों पर कार्यभार ” विषय पर यह सेमीनार आयोजित की गयी.
मौजूदा दौर में साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा युद्ध छेड़ कर हथियारों के बल पर समूची दुनिया के मेहनतकशों के श्रम की अबाध लूट , पर्यावरण नष्ट करने की कीमत पर प्राकृतिक संपदा के निरंकुश दोहन, बाजारवादी व्यवस्था के जरिए तीसरी दुनिया की सभ्यता, संस्कृति और भाषाओं को नष्ट किए जाने तथा भारत में सत्ता पर काबिज _ आरएसएस द्वारा नियंत्रित भाजपा जैसी धुर दक्षिण पंथी पार्टी की कॉरपोरेट परस्त, सांप्रदायिक फासीवादी, विभाजनकारी जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध एक मजबूत वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा गठित करने के उद्देश्य से आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार में 15 वामपंथी दलों के शीर्ष नेतृत्वकारी नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

सेमीनार में ऐतिहासिक अक्टूबर क्रांति की शिक्षाओं से प्रेरणा और सबक लेते हुए वामपंथी एकता को सुदृढ़ करते हुए भाजपा के एकाधिपति दमनकारी,जनविरोधी शासन और सांप्रदायिक विभाजनकारी मनुवादी नीतियों और जनतंत्र विरोधी विचारधारा के विरुद्ध देश की सभी धर्म निरपेक्ष, शान्ति कामी, प्रताड़ित दलित जातियों, उपेक्षित धर्मावलंबियों , अल्प संख्यकों,मेहनतकशों, आदिवासियों ,बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, संघर्ष रत जनगण, व्यापारियों, दुकानदारों, करीगरों,बेरोजगार युवकों, छात्रों,शिक्षकों, वैज्ञानिकों, कला साहित्य कर्मियों की व्यापक गतिशील एकता के निर्माण के लिए सामूहिक संयुक्त आंदोलनो की लहर पैदा करने का आह्वान किया गया।

















