
-विष्णुदेव मंडल-

(बिहार मूल के स्वतंत्र पत्रकार)
पटना। सीबीआई द्वारा लैंड फार जॉब घोटाले के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है।
राजनीतिक पंडितों और विपक्षी दलों के बयानों के मुताबिक महाराष्ट्र की तरह बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत मिल रहे हैं। हालांकि सत्ताधारी दलों जनता दल यूनाइटेड एवं राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के बयान से ऐसी संभावनाओं पर विराम लगाने की कोशिश की जा रही है कि महागठबंधन अटूट है। लेकिन दुसरी तरफ भाजपा नेता सुशील मोदी के अनुसार जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल आपस में विलय होने के कगार पर हैं वहीं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान की माने तो जनता दल यूनाइटेड टूट के कगार पर है। उनके विधायक और सांसदों में बेचौनी है और वह कभी भी भाजपा या लोजपा ज्वाइन करने कर सकते हैं।
राष्ट्रीय लोक जनतादल नेता उपेंद्र कुशवाहा भी बार-बार यह कह रहे हैं कि जनता दल यूनाइटेड अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। वह कभी भी राष्ट्रीय जनता दल में मर्ज कर सकती है। ऐसे में जनतादल यूनाइटेड में भगदड़ मचना स्वाभाविक है। उन्होंने दावा किया के लोकसभा चुनाव की तिथि नजदीक आती जाएगी लोग जदयू से बाहर निकलते नजर आऐंगे।
विधायकों से नीतीश कुमार की वन टू वन मुलाकात और उपसभापति हरिवंश घंटे भर बातचीत
उल्लेखनीय है की महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद एवं सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद नीतीश कुमार अपने विधायकों सांसदों से वन टू वन मुलाकात कर रहे हैं। राज्य सभा सांसद और उपसभापति हरिवंश के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लंबी बातचीत के कारण भी इस बात का कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर कुछ नया करने वाले हैं। गौरतलब है कि 2017 में तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर घोटाले के आरोप के कारण नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़ कर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी।
छह साल बाद फिर ऐसी स्थिति बनी है कि बिहार की राजनीति में इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि नीतीश कुमार जब भी विधायकों और सांसदों को अचानक बुलाते हैं तो वह कुछ नया कर देते हैं। मसलन चाहे वह इस्तीफा दे सकते हैं या फिर अपनी पार्टी को राष्ट्रीय जनता दल में मर्ज कर सकते हैं लेकिन इतना तो तय है कि नीतिश कुमार कोई बड़ा फैसला जरूर लेंगे।
बहरहाल उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने परिवार के साथ विदेश के दौरे पर हैं। उन्हें आगामी 12 जुलाई को कोर्ट में पेश होना है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। लिहाजा बिहार की राजनीति में उथल पुथल से इंकार नहीं किया सकता। बता दें कि नीतीश कुमार अपने सांसदों और विधायकों से उनके विचार और जनता में मौजूदा स्थिति के लिए फीडबैक ले रहे हैं।