
-द ओपिनियन-
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में अभी दो सप्ताह से अधिक समय है पर सत्ता की दावेदार दो प्रमुख पार्टियों में मुख्यमंत्री पद के लिए खीेेचतान चल रही है। पहले कांग्रेस में यह बात सामने आई थी, अब भाजपा में सीएम पद को लेकर सुर मुखर हो रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा जताया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी सीएम बनने की महत्वाकांक्षा व्यक्त कर चुके हैं। भाजपा चूंकि सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी है, इसलिए फिलहाल सीएम फेस वहीं हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले ही इस बात का संकेत दे चुके हैं पार्टी के लिए नायब सिंह सैनी ही सीएम फेस हैं। भाजपा में टिकटों के वितरण के बाद असंतोष के सुर मुखर होने लगे थे और कुछ नेता तो बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में भी उतरे। लेकिन अब विज के दावे से भाजपा के भीतर सीएम पद को लेकर खींचतान फिर सामने आ गई है। इससे राज्य की राजनीति भी गरमा गई है। विज का कहना है कि मैंने आज तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा, अब अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम पद के लिए दावा पेश करूंगा। हरियाणा में भाजपा ने मोहनलाल खट्टर को हटाकर जब सीएम पद नायब सिंह सैनी को सौंपा था तो विज को नए मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला था। इसके बाद वह पार्टी से नाराज बताए जाते हैं। हालांकि, पार्टी ने उनको चुनाव मैदान में उतारा है। वे अंबाला जिले की अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। विज के दावे पर भाजपा के हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि नायब सैनी ही हरियाणा में भाजपा का चेहरा हैं। प्रधान कहते हैं कि हम प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाएगी। वहीं राव इंद्रजीत सिंह भी सीएम पद की अपनी महत्वाकांक्षा का संकेत दे चुके हैं। राव इंद्रजीत का प्रभाव क्षेत्र हरियाणा का रेवाडी अंचल यानी अहीरवाल इलाका है। उनकी बेटी आरती राव भी चुनाव मैदान में है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि भाजपा राव इंद्रजीत सिंह पर काफी भरोसा कर रही है। यह बात इस बात से साफ है कि अहीरवाल इलाके में टिकट वितरण में राव इंद्रजीत सिंह की चली हैं, लेकिन फिलहाल पार्टी के गणित में सीएम फेस मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही फिट बैठ रहे हैं। लेकिन विज का सीएम पद को लेकर उतावलापन कहीं पार्टी को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
दूसरी ओर कांग्रेस में भी सीएम पद को लेकर खींचतान जारी है। यह बात हाल में तब साफ हो गई थी जब पार्टी की नेता व सांसद शैलजा कुमारी ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा पार्टी आलाकमान की सहमति के बाद ही हो सकेगा। अंतिम फैसला उसी का होगा। कांग्रेस आलाकमान ने कई मौकों पर यह बात साफ कर दी कि पार्टी बिना सीएम फेस के चुनाव मैदान में उतरेगी और उसने ऐसा ही किया है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हैं। इसी खींचतान के बीच राज्य में चुनाव हो रहे हैं।