
-सांसद पप्पू यादव का संघर्ष रंग लाया
-देवेंद्र यादव-

लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के बिहार की राजधानी के पटना पहुंचते ही सबसे ज्यादा खुश नजर आए पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव। पप्पू यादव की खुशी इतनी थी कि उन्होंने बिहार में आंदोलनकारी बीपीएससी के छात्रों के बीच जाकर लड्डू बांटे, और कहा कि आंदोलनकारी छात्रों की आवाज को राहुल गांधी लोकसभा में उठाएंगे और छात्रों को उनका न्याय दिलाएंगे। जब से राहुल गांधी का 18 जनवरी का पटना का दौरा तय हुआ तब से ही पप्पू यादव राहुल गांधी के लंबे समय बाद बिहार में आगमन को लेकर उनके भव्य स्वागत करने की तैयारी में जुट गए थे।
बिहार में पप्पू यादव लंबे समय से बिहार के बेरोजगार युवा और छात्रों की समस्या को लेकर सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष कर रहे थे। उनके इस संघर्ष का ही परिणाम था कि राहुल गांधी बीपीएससी के छात्रों से मिले और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने न केवल बिहार के बेरोजगार युवा और छात्रों का हौसला बढ़ाया बल्कि पप्पू यादव का भी हौसला बढ़ाया। लोकसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव ने बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कराया था। मगर दुर्भाग्य से या यूं कहें राजद और उसके नेता तेजस्वी यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कांग्रेस पप्पू यादव को पूर्णिया लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार नहीं बना सकी। लेकिन पप्पू यादव ने राजद के उम्मीदवार को निर्दलीय चुनाव लड़कर हराया और पूर्णिया से सांसद बने। पप्पू यादव लगातार बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं, और शायद इसी का ही परिणाम है कि राहुल गांधी लंबे अंतराल के बाद बिहार पहुंचे। राहुल गांधी के सामने दो बड़े नेताओं के स्वर बदले बदले नजर आए। इनमें एक राजद नेता तेजस्वी यादव और दूसरे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह हैं।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह कांग्रेस के बिहार ऑफिस सदाकत आश्रम में राहुल के सामने उनके सम्मान में कसीदे पढ़ते और अपनी सफाई भी देते हुए नजर आए।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)