केजरीवाल जेल से रिहा, अब हरियाणा में हुड्डा की चुनौती शुरू !

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-देवेंद्र यादव-

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-देवेंद्र यादव-

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस सरकार की वापसी का बड़ा दावा हाई कमान से किया है। राहुल गांधी की इच्छा के विपरीत, हरियाणा में कांग्रेस आम आदमी पार्टी से बगैर गठबंधन किए चुनाव मैदान में है। राहुल गांधी ने अमेरिका रवाना होने से पहले हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से कहा था कि हर हाल में वह आम आदमी पार्टी के साथ समझौता कर चुनाव लड़े। मगर राहुल गांधी के अमेरिका पहुंचते ही खबर आई की कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा में गठबंधन नहीं हो सका, और कांग्रेस ने अपने सारे प्रत्याशी घोषित कर दिए।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के समय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका में थे और दिल्ली के मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल जेल में थे।
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी और वह शुक्रवार 13 सितंबर को जेल से छूट गए।
केजरीवाल जेल से रिहा होने के बाद हरियाणा में कांग्रेस के नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने बड़ी चुनौती है। यह चुनौती भाजपा और आम आदमी पार्टी को हराकर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने की है।
चुनौती इस बात की है कि बगैर किसी से गठबंधन करके भी कांग्रेस हरियाणा में सरकार बन सकती है यह विश्वास भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार कांग्रेस हाई कमान को दे रहे थे।
सवाल यह है कि अरविंद केजरीवाल की रिहाई, हरियाणा चुनाव का टर्निंग पॉइंट बनेगा, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस के नेता खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुछ ज्यादा ही अति उत्साहित नजर आ रहे हैं। हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशी चयन में भी ज्यादातर प्रत्याशी हुड्डा की पसंद के नेता हैं।
अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में भी पंजाब गोवा और दिल्ली जैसा खेल कांग्रेस के साथ कर सकती है। क्या, यह चुनौती भूपेंद्र सिंह हुड्डा सामने है। हरियाणा में वह कांग्रेस की वापसी भाजपा और आम आदमी पार्टी को हराकर कैसे करते हैं। कांग्रेस हाई कमान ने राजस्थान के तीन कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राष्ट्रीय महामंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को लगाया है, फिर भी कांग्रेस को पहले से ज्यादा आम आदमी पार्टी से सतर्क रहने की जरूरत है। हरियाणा में दलितों के वोट का विभाजन मायावती की पार्टी और चंद्रशेखर रावण की पार्टी कर सकती है दोनों पार्टियां चुनाव मैदान में है और नुकसान कांग्रेस को होगा। भारतीय जनता पार्टी जाट और गैर जाट के मुद्दे को लेकर चल सकती है क्योंकि भाजपा ने लगभग एक दर्जन टिकट ब्राह्मण समुदाय के लोगों को दिए हैं। लंबे समय से हरियाणा में गैर जाट समुदाय का मुख्यमंत्री है और चुनाव के एन वक्त पहले भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बदलकर ओबीसी समुदाय से बनाया है। भाजपा की नजर आम आदमी पार्टी पर रहेगी जहां उसे लगेगा कि बीजेपी हार रही है और कांग्रेस जीत रही है वहां भाजपा कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी को आगे खेल कर सकती है।

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