केजरीवाल को जमानत, आप को देगी सियासी ताकत

untitled

हरियाणा विधानसभा चुनाव में मुकाबले होंगे कड़े

-द ओपिनियन-

चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलना आम आदमी पार्टी के लिए राहत भरी खबर है। आम आदमी पार्टी का हरियाणा में कांग्रेस के साथ चुनावी गठजोड़ नहीं हो सका है और वह अपने बूते पर राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस भी अकेली मैदान में है। कांग्रेस को लगता है कि वह भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल का लाभ उठाकर सत्ता में वापसी कर सकती है। इसी बात को ध्यान में रखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की हिमायत की थी लेकिन बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी। सीटों के बंटवारे पर बात अटक गई और दोनों पार्टियों को बिना किसी गठबंधन के चुनाव मैदान में उतरना पड़ा है। लेकिन केजरीवाल को जमानत न मिलने से आम आदमी पार्टी में में निराशा का भाव था। अब जमानत मिलने से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि आप कार्यकर्ता दोगुन उत्साह से चुनाव अभियान में जुट जाएंगे। साफ है कि इसका असर चुनावों पर पड़ेगा। अब देखना यह है कि केजरीवाल की पार्टी का चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस को झटका लगता है या भाजपा के सत्ता में वापसी के समीकरण गड़बड़ाते हैं। फिलहाल राजनीतिक विश्लेषकों को आकलन यही है कि आप का जोर बढ़ा तो कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि कांग्रेस इस बार काफी आश्वस्त लगती है। कांग्रेस फिलहाल आज बागियों को मनाने की कोशिशों में लगी है। कांग्रेस की बुधवार रात और गुरुवार दोपहर तक शेष प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद पार्टी में असंतोष के सुर मुखर लोने लगे गए हैं।
कई सीटों पर पार्टी नेताओं टिकट न मिलने के बाजवूद बागी होकर फार्म भर दिए हैं। उअब देखना यह है कि कांग्रेस कितने बागियों को मनाने में कामयाब होती है। क्योंकि कांग्रेस को अब डर यह है कि बागी और आप के चुनाव मैदान में उतरने से कहीं उसकी चुनावी रणनीति कहीं गडबडा न जाए। कांग्रेस में खींचतान भूपिंदर हुड्डा और शैलजा गुट के बीच जारी सियासी प्रतिद्वंद्विता की वजह से मानी जाती है। केजरीवाल के आने से आप कार्यकर्ताओं की हताश दूर हुई है। उनके निशाने पर कांग्रेस से ज्यादा कहीं भाजपा है, इसलिए वे और भी ज्यादा ताकत से चुनाव मैदान में डटने वाले हैं। इसलिएकेजरीवाल की जमानत पर रिहाई कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ही भारी पड़ेगी ।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments