हरियाणा चुनाव मुद्दे के बजाय जाति पर आ टिके !

shailja
कुमारी शैलजा
राजनीतिक गलियारो, मीडिया और भारतीय जनता पार्टी के गलियारों में चर्चा होने लगी की कांग्रेस दलित नेता कुमारी शैलजा का अपमान कर रही है। अब सवाल उठता है कि कांग्रेस यदि दलित नेता कुमारी शैलजा का अपमान कर रही है तो क्या भारतीय जनता पार्टी भाजपा नेता डॉक्टर अशोक तंवर को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाएगी।

-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
-देवेंद्र यादव-

जैसे-जैसे हरियाणा विधानसभा चुनाव कीं मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे वैसे हरियाणा में जाति की राजनीति तेज होती जा रही है।
हरियाणा में विकास और प्रगति का मुद्दा गायब हो गया और चुनावी मुद्दा जाट और दलित राजनीति पर आकर टिक गया। इस राजनीति का केंद्र कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा बनते हुए दिखाई दे रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाट नेता है तो वही कुमारी शैलजा दलित नेता है। और दोनों ही नेताओं के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर होड है।
कुमारी शैलजा चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने के लिए प्रचार कर मेहनत कर रही थी मगर जैसे ही कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में अपने प्रत्याशियों की घोषणा की कुमारी शैलजा कुंठित होकर अपने घर बैठ गई। कुमारी शैलजा को प्रचार करते हुए नहीं देखा जा रहा है। इस बात को लेकर राजनीतिक गलियारो, मीडिया और भारतीय जनता पार्टी के गलियारों में चर्चा होने लगी की कांग्रेस दलित नेता कुमारी शैलजा का अपमान कर रही है। अब सवाल उठता है कि कांग्रेस यदि दलित नेता कुमारी शैलजा का अपमान कर रही है तो क्या भारतीय जनता पार्टी भाजपा नेता डॉक्टर अशोक तंवर को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाएगी।
क्योंकि कुमारी शैलजा को लेकर जितना दर्द हरियाणा के दलितों को नहीं हो रहा है, उससे कहीं अधिक दर्द कुमारी शैलजा के अपमान का दर्द भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता बता रहे हैं कि कांग्रेस ने कुमारी शैलजा से पहले डॉक्टर अशोक तंवर का भी इसी तरह से अपमान किया था। अशोक तंवर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए फिर एक बार वही सवाल क्या भारतीय जनता पार्टी हरियाणा की सत्ता में वापस आई तो तंवर को मुख्यमंत्री बनाएगी। क्योंकि कांग्रेस के दलित नेता के अपमान का दर्द भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य अमित शाह ने भी हरियाणा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बया किया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में नेताओं के अपमान का दर्द तो कांग्रेस से अधिक भारतीय जनता पार्टी के भीतर दिखाई दे रहा है। यादव नेता राव इंद्रजीत सिंह का दर्द छिपा नहीं है वही पंजाबी नेता पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर का दर्द भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो अनिल विज राजनीतिक दर्द से केहरा रहे हैं।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के आरक्षण बचाओ अभियान के मायने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद समझ में आए हैं। राहुल गांधी की आरक्षण बचाओ मुहिम ने भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान पहुंचाया था, इसीलिए भाजपा के नेता अब राहुल गांधी के बयानों को तोड़ मरोड़ कर चुनावी जनसभा में दलितों के बीच पेश कर रहे हैं। वे बता रहे हैं कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी है जबकि राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस आरक्षण को 50ः से भी अधिक करना चाहती है और आरक्षण देश में तब तक रहेगा जब तक की दलितों की स्थिति बेहतर ना हो जाए।
क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति भारतीय जनता पार्टी से बेहतर है और हरियाणा में दलित मतदाताओं की तादाद भी अधिक है, इसीलिए भाजपा के नेताओं को हरियाणा में दलितों का दर्द दिखाई दे रहा है। भाजपा के नेता अपने यादव नेता का दर्द भूल गए। जहां तक शैलजा की बात है उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह कांग्रेस में ही रहेगी और 26 सितंबर से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगी। शैलजा गांधी परिवार और मल्लिकार्जुन खड़गे की भरोसेमंद बड़ी नेता है। कुमारी शैलजा के मन में उठ रहे सवालों को दूर किया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने। मल्लिकार्जुन खड़गे और शैलजा के बीच हुई मुलाकात के बाद कुमारी शैलजा 26 सितंबर स पार्टी का प्रचार करेंगी और उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है यह ऐलान किया।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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