
-द ओपिनियन-
मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की कमान नए हाथों में आ गई है। बीसीसीआई की आमसभा या जनरल मीटिंग में पूर्व क्रिकेट खिलाडी व विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे रोजर बिन्नी के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लग गई। बीसीसीआई के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनीतिक मोर्चे भी खुल गए थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि सौरव गांगुली को एक और कार्यकाल नहीं मिलने से वह अचंम्भित हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगी कि सौरव को आईसीसी के अध्यक्ष का चुनाव लडने की अनुमति दी जाए। यह सच है कि गांगुली की काबिलियत पर किसी को कोई संदेह नहीं है। बल्लेबाज, कप्तान और एक प्रशासक के रूप में उन्होंने अपनी काबलियत का जौहर कई मौकों पर मनाया है। लेकिन हर खेल की अपनी गति है और हर खेल प्रशासन के अपने खेल हैं।
बिन्नी एकमात्र उम्मीदवार थे
बीसीसीआई की जिस बैठक में रोजर बिन्नी के नाम पर मुहर लगी उसमें पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल रोजर बिन्नी खुद मौजूद रहे। बिन्नी निर्विरोध अध्यक्ष बने हैं। वे इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे। बिन्नी बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष होंगे। उनके जल्द ही नया पद संभालने की उम्मीद है। रोजर बिन्नी फिलहाल कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद भी हैं और अब उन्हें इस पद से इस्तीफा देना होगा।
सौरव गांगुली आईसीसी के चेयरमैन पद के लिए भाग्य आजमाएंगे?
अब चर्चा का विषय यह भी बना हुआ है कि क्या बीसीसीआई से विदाई के बाद सौरव गांगुली आईसीसी के चेयरमैन पद के लिए भाग्य आजमाएंगे? क्या उनका नाम बीसीसीआई इस पद के लिए आगे करेगी। मौजूद अध्यक्ष ग्रेग बर्कले का कार्यकाल जल्द पूरा होने वाला है। इसलिए यह अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या बर्कले को एक और कार्यकाल के लिए अवसर मिलेगा या भारत इस प्रतिष्ठित पद के लिए अपना कोई उम्मीदवार मैदान में उतारेगा। इसमें कोई शक नहीं कि दादा इस पद के लिए सर्वथा उपयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं पर बीसीसीआई इस पर क्या फैसला करती है, यह तय होना अभी शेष है। अब यदि दादा को आईसीसी के चेयरमैन पद के लिए अवसर नहीं मिलता है तो फिर कयास इस बात के भी लग रहे हैं कि वे बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बन जाएं। अब देखना यह है कि अगले कुछ दिनों में क्रिकेट राजनीति किस करवट बैठती है।
रोजन बिन्नीः बडी चुनौती सामने
नव निर्वाचित अध्यक्ष रोजर बिन्नी के समक्ष भारतीय क्रिकेट को और आगे ल ेजाने की चुनौती होगी। बिन्नी 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रमुख सदस्य थे। उस वर्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट (18) लेने का रिकॉर्ड बिन्नी के ही नाम था।