
सूरत। सरकार ने आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आभूषण खरीदारों को शुद्ध धातु के आभूषण मिले। जिसका फायदा देशभर के ग्राहकों को मिल रहा है। अब सरकार इसमें और सटीकता लाने की कोशिश कर रही है। आभूषणों की प्रामाणिकता की जांच के लिए हॉलमार्किंग सेंटर में जो मशीनरी स्थापित की जाएगी, वह एक ऐसी प्रणाली से लैस होगी, जिससे आभूषण की सारी जानकारी सीधे बीआईएस साइट पर अपडेट हो जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा आभूषणों पर बीआईएस हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आभूषण खरीदारों को धोखा न दिया जाए और उन्हें शुद्ध धातु के आभूषण मिले। जिसके लिए हॉलमार्किंग सेंटर में सभी ज्वैलरी की जांच की जाती है। कुछ प्रतिशत सोने, चांदी या अन्य धातुओं के आभूषणों पर विभिन्न प्रक्रियाओं को निष्पादित करके केंद्र में सभी डेटा तैयार किए जाते हैं। परीक्षण के बाद, आभूषण के प्रत्येक टुकड़े के लिए एक एचयूआईडी नंबर तैयार किया जाता है जो एक लेजर के साथ आभूषण पर लिखा जाता है और इसकी जानकारी बीआईएस वेबसाइट पर अपलोड की जाती है। वर्तमान प्रणाली में, मशीन पर गहनों का परीक्षण करने के बाद डेटा को अपडेट किया गया था। जिसमें ज्वैलरी की जानकारी में बदलाव की संभावना थी। लेकिन सरकार इस दिशा में भी सटीकता लाने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में मशीन पर एक सिस्टम स्थापित किया जाएगा जिस पर हॉलमार्किंग सेंटर में परीक्षण किया जाएगा ताकि सभी डेटा सीधे बीआईएस वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके। इसे बदलने की कोई आशंका नहीं होगी। ग्राहक बीआईएस वेबसाइट पर एचयूआईडी नंबर दर्ज करके अपने आभूषणों के बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि नए सिस्टम के आने से ज्वैलरी खरीदारों को उनके ज्वैलरी के बारे में सभी सही जानकारी मिल जाएगी और फ्रॉड में कमी आएगी।
बीआईएस साइट पर उपलब्ध सभी डेटा
हॉलमॉर्किंग प्रशासक विवेक सोजित्रा ने कहा कि हॉलमार्किंग सेंटर में गहनों की बारीक जांच के बाद रिपोर्ट को बीआईएस साइट पर अपडेट करने की व्यवस्था की गई है। हालांकि, आने वाले दिनों में गहनों की जांच के साथ आने वाली रिपोर्ट अपने आप बीआईएस साइट पर अपलोड हो जाएगी। नई व्यवस्था बहुत सख्त है, जिसके अनुसार कोई भी ऐसा सोचने पर भी रिपोर्ट को बदल नहीं सकता है।