कोटा में गुरु-शिष्य रिश्ते हुए तार-तार, छात्रा से अस्मत मांगी तो छात्र ने कुलपति पर जूता फेंका

तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने एसके सिंह ने तीन सदस्यों प्रो.एसके राठौड़, प्रोफेसर डीके पल्लवलिया और प्रोफेसर डॉ. मनीषा भंडारी की सदस्यता में जांच कमेटी गठित कर दी थी जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद एसोसिएट प्रोफेसर परमार को निलंबित कर दिया गया लेकिन इससे असंतुष्ट छात्र लगातार नारेबाजी करते रहे और उन्होंने जोर-अाजमाईश कर विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार को तोड़कर भीतर प्रवेश कर लिया

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान में कोटा तकनीकी विश्वविद्यालय में गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ता की परंपरा उस समय तार-तार हो गई,जब पहले एक प्रोफेसर ने पास करने की एवज में एक छात्रा से अस्मत मांगी। बाद में इसी मसले को लेकर हुए विवाद और हंगामे की स्थिति के बीच आज विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्र ने कुलपति पर जूता फेंक मारा।
राजस्थान में कोटा स्थित राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ मंगलवार रात को इंजीनियरिंग कॉलेज की एक छात्रा ने दादाबाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि प्रोफेसर उसे पास करने की एवज में शारीरिक रिश्ते कायम करने की पेशकश कर रहा है और इस मामले में एक छात्र अर्पित अग्रवाल उसे सहयोग कर रहा है।

तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्रों ने दिन भर जमकर हंगामा किया

यह मामला सामने आने के बाद कोटा के तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्रों ने दिन भर जमकर हंगामा किया और एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की मांग को लेकर दिन भर हंगामे की स्थिति बनी रही। इस बीच कोटा पुलिस ने आरोपित एसोसिएट प्रोफेसर और उसका सहयोग करने वाले छात्र अर्पित अग्रवाल को कल दिन में ही पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था और दिन भर दोनों से पूछताछ का दौर जारी रहने के बाद विधिवत उनकी गिरफ्तारी कल देर रात्रि को दर्शाई गई। एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और छात्र अर्पित अग्रवाल को पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आज शाम करीब चार बजे न्यायालय में पेश करने ले जाने से पहले न्यायालय परिसर में से एक वकील ने एसोसिएट प्रोफेसर के साथ मारपीट करने की कोशिश की लेकिन पुलिस जैसे-तैसे उसे बचा ले गई और उसे विशिष्ट न्यायालय महिला उत्पीड़न क्रम-एक के न्यायधीश के सम्मुख पेश किया जिन्होंने एसोसिएट प्रोफेसर और छात्र को पूछताछ के लिए 25 दिसंम्बर तक रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। उधर, इस मामले को लेकर एसोसिएट प्रोफेसर को बर्खास्त करने और उसे कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर आज सुबह से ही तकनीकी विश्वविद्यालय के बाहर भारी संख्या में छात्र जमा हो गए थे और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे थे जिसे देखते हुए भारी पुलिस लवाजमा भी वहां तैनात किया गया था।

प्रोफेसर परमार को निलंबित कर दिया

इस मामले की जांच के लिए तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने एसके सिंह ने तीन सदस्यों प्रो.एसके राठौड़, प्रोफेसर डीके पल्लवलिया और प्रोफेसर डॉ. मनीषा भंडारी की सदस्यता में जांच कमेटी गठित कर दी थी जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद एसोसिएट प्रोफेसर परमार को निलंबित कर दिया गया लेकिन इससे असंतुष्ट छात्र लगातार नारेबाजी करते रहे और उन्होंने जोर-अाजमाईश कर विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार को तोड़कर भीतर प्रवेश कर लिया। यह छात्र कुलपति कार्यालय के बाहर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान कक्ष के बाहर निकले कुलपति एसके सिंह पर एक छात्र ने जूता फेंका तो वहां मौजूद है पुलिस के जवानों ने उस छात्र को अपनी हिरासत में ले लिया और वहां से तत्काल ले गए। अभी इस छात्र के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की गई है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है एवं न ही अदालत परिसर में एसोसिएट प्रोफेसर परमार के साथ मारपीट करने की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस बीच एक और छात्रा ने एसोसिएट प्रोफेसर परमार के खिलाफ उससे अश्लील बातें करने और शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाने का मुकदमा कल रात दादाबाड़ी थाने में दर्ज करवाया गया। दोनों ही मामलों में दादाबाड़ी पुलिस ने छात्राओं के विस्तार से बयान दर्ज किए हैं।

एक ऑडियो सामने आया

आज एक और छात्रा और एसोसिएट प्रोफेसर के बीच हो रही बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है जिसके अगस्त महीने में हुए छात्र संघ चुनाव के समय का बताया जा रहा है जिसकी फ़िलहाल पुष्टि तो नहीं हो पाई है लेकिन इस ऑडियो टेप में यह एसोसिएट प्रोफेसर इंजीनियरिंग की अंतिम वर्ष की इस छात्रा को जो क्लास रिप्रजेन्टेटिव का चुनाव लड़ रही है, को यह आश्वासन दे रहा है कि अगर उसे छात्रों ने वोट नहीं दिया तो वह चुन-चुन करके बदला लेगा। इस ऑडियो के बारे में यह दावा किया जा रहा है कि बाद में यह छात्रा क्लास रिप्रेजेंटेटिव का चुनाव हार गई तो इस एसोसिएट प्रोफेसर ने अंतिम कक्षा के 35 में से 28 छात्रों को फेल कर दिया था। हालांकि इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई।

कमेटी ताजा मामले की करेगी जांच

एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज करवाई गई शिकायतों की जांच कर रही तीन सदस्सयों वाली कमेटी ने कहा कि वे प्रोफेसर के खिलाफ पुरानी किसी शिकायत की वे जांच नहीं कर रहे हैं। वह तो उन ताजा मामले के बारे में जांच कर रहे हैं जो उनके समक्ष प्रस्तुत किए गए। विश्वविद्यालय के कुलपति संतोष कुमार सिंह ने कहा कि कमेटी जांच कर रही है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। अभी तो इसे निलंबित कर दिया गया है।

महिला टीचर के पति ने भी मारपीट की थी

एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार पर यह भी आरोप लगाया गया है कि 8-9 साल पहले एक महिला टीचर के पति ने भी उसके साथ विश्वविद्यालय परिसर में ही मारपीट की थी क्योंकि आरोप यह था कि यह एसोसिएट प्रोफेसर उस महिला टीचर के साथ छेड़छाड़ करता था और अश्लील हरकतें करता रहता था जिसकी शिकायत उसने अपने पति से की थी। इस मामले की भी जांच हुई लेकिन तब यह मामला दबा दिया गया था। करीब डेढ़ साल पहले भी एक महिला डाटा एंट्री ऑपरेटर ने भी इस एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ गलत हरकत करने की शिकायत की थी लेकिन इस मामले में भी कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो पाई थी जिसके कारण इस एसोसिएट प्रोफेसर के हौसले बुलंद होते गए और उन्हीं के बाद छात्राओं से पास करने की एवज में अस्मत मांगे जाने के मामले सामने आए हैं और पुलिस में शिकायतें दर्ज होने के बाद एसोसिएट प्रोफेसर को गिरफ्तार करना पड़ा है।

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D K Sharma
D K Sharma
2 years ago

ऐसा सुना है कि इन हरकतों से परेशान इसकी पहली पत्नी ने तलाक ले लिया। इसने दूसरी शादी की तो दूसरी पत्नी भी इसे छोड़ कर चली गई। ऐसे चरित्रहीन इंसान को अध्यापन जैसे उत्कृष्ट कार्य में कभी नहीं लगाना चाहिए। जब सरकारी नौकरी लगती हैं तो कैरेक्टर सर्टिफिकेट मांगा जाता है। अब जब इस प्रोफेसर का चरित्र इतना खराब है तो इस को नौकरी से हटा दिया जाना चाहिए नही तो ये और छात्राओं का भविष्य भी खराब करेगा।