– त्रिकोणीय संघर्ष में किस राह जाएगा गुजरात
-हर पार्टी को अपनी जीत की उम्मीद
-द ओपिनियन-
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए प्रथम चरण का मतदान गुरुवार एक दिसम्बर को होना है। भाजपा 27 साल के शासन के बाद फिर जनादेश चाहती है और कांग्रेस लम्बा वनवास खत्म कर सत्ता में वापसी चाहती है जबकि आम आदमी पार्टी अपने लिए यहां बड़ी राजनीतिक संभावनाएं देख रही है। उसके पास गुजरात में खोने को कुछ नहीं है, उसे तो सिर्फ पाना ही है। वहां उसके जितने प्रत्याशी जीतेेंगे उसका राजनीतिक कद बढाएंगे। वोट बैंक बढेगा, राष्टीय स्तरीय पार्टी बनने की ओर अग्रसर होगाी। तीनों की उम्मीदें त्रिकोणीय संघर्ष में उलझी हैं।
हालांकि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का दावा है कि उनकी पार्टी 92 से अधिक सीट हासिल करेगी और राज्य में सरकार बनाएगी। आप गुजरात को लेकर पिछले चार पांच महीने से तैयारी में जुटी है। गुजरात में उसकी राजनीतिक उम्मीद गत वर्ष सूरत नगर निगम चुनाव में मिली सफलता से जगी। अब वह अपने लिए गुुजरात में बड़ी भूमिका चाहती है। उसे पंजाब की तरह वहां बहुमत की उम्मीद नजर आती है। जबकि भाजपा ने सत्ता में वापसी के लिए बहुत रणनीतिक तरीके से प्रचार अभियान चलाया है। लेकिन चुनाव प्रचार के अतमि चरण में पहुंचते पहुंचते कांग्रेस नेताओं की कुछ टिप्पणियों ने भाजपा को उस पर सियासी हमले करने का मौका दे दिया। भाजपा अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है और मानती है कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल रहेगी। गृह मंत्री अमित शाह तो कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी तो खाता ही नहीं खोल पाएगी।
पहले चरण में कुल 788 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। लेकिन किसी भी पार्टी ने महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया। पहले चरण की कुल 89 सीटों पर 70 महिला प्रत्याशियों ने भरोसा जताया है। यानी प्रथम चरण में 9 प्रतिशत से भी कम महिला प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने 14 तो भाजपा ने 12 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है।
प्रथम चरण में कई दिग्गज नेता चुनाव मैदान में है। इनमें आम आदमी पार्टी के सीएम फेस इसुदान गढवी भी शामिल हैं। गढवी देव भूमि द्वारका जिले की खंभालिया सीट से चुनाव मैदान में हैं। उनके अलावा आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया, क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा जडेजा, पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी भी चुनाव मैदान मे है।