
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। इस बार अच्छी बारिश की वजह से कोटा जिले के सभी ताल तैलया में भरपूर पानी है। इसकी वजह से स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के लिए भरपूर पानी और भोजन की व्यवस्था है।

राजपुरा तालाब में तो पेंटेड स्टार्क की कॉलोनी बस चुकी है। तालाब के बीच बबूल के पेड पर पेंटेउ स्टार्क के घोसले बने हुए हैं। इस तालाब में उसके लिए पर्याप्त भोजन के तौर पर मछलियां और अन्य कीडे मकोडे भी हैं। इनके अलावा भी कई अन्य प्रजाती के पक्षी यहां डेरा डाले हुए हैं।

इन पक्षियों के कलरव को सुनना और इनकी उडान और अठखेलियों को देखना अलग ही सुखद अनुभव है। हाडोती में कई इलाके ऐसे हैं जहां के तालाबों पर देशी और विदेशी पक्षी इन दिनों डेरा डालते हैं। ये पक्षी फरवरी और मार्च तक यहीं रहते हैं। इस दौरान वे प्रजनन भी करते हैं।

जब तालाबों में पानी सूखने लगता है तो प्रवासी पक्षी तो अपने ठिकानों पर लौट जाते हैं लेकिन स्थानीय पक्षी अपना बसेरा बनाए रखते हैं। यह जरूर है कि भोजन और पानी की तलाश में आस पास पलायन कर जाते हैं।

