पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को देशव्यापी छापेमारी के बाद प्रतिबंध की अधिसूचना जारी की

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। पीएफआई के सहयोगी संगठनों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया शामिल हैं।

गृह मंत्रालय ने कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर दूसरी राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के एक दिन बाद राजपत्र अधिसूचना जारी की। एनआईए ने मंगलवार को सात राज्यों में पुलिस टीमों के साथ मछापेमारी की और 270 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया या गिरफ्तार किया।

गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। उनकी गतिविधियां भारत की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। इससे सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और आतंकवाद का समर्थन करने की क्षमता है।

अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की राय है कि यूएपीए अधिनियम की धारा 3 की उप-धारा (1) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करना आवश्यक है क्योंकि पीएफआई कई आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल है और देश के संवैधानिक अधिकार के प्रति सरासर अनादर दिखाता है। देश और बाहर से धन और वैचारिक समर्थन के साथ यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। विभिन्न मामलों में जांच से पता चला है कि पीएफआई और उसके कार्यकर्ता बार-बार हिंसक और विध्वंसक कृत्यों में लिप्त रहे हैं।

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