राजस्थान के 13 जिलों के किसानों के साथ अन्याय कर रहा है केंद्र

अब केंद्र सरकार की ओर से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की बात कही जा रही है। केंद्र सरकार का यह कथन आश्चर्यजनक है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आपसी कलह का नतीजा है क्योंकि इस नहर सिंचाई परियोजना को उस समय तैयार किया गया था,जब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने इस परियोजना को मंजूरी देकर केंद्र सरकार के पास भिजवाया था तो जब भाजपा की मुख्यमंत्री किसी परियोजना की रिपोर्ट को तैयार करके भिजवा रहा है तो अब इसी पार्टी की केंद्र सरकार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की बात क्यों कर रही है?

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गोविंद सिंह डोटासरा पत्रकारों से चर्चा करते हुए

-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का आरोप

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान की महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार प्रदेश के 13 जिलों के लाखों किसानों-ग्रामीणों के साथ घोर अन्याय कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को कोटा में बताया कि पूर्वी राजस्थान में सिंचाई परियोजना (ईआरसीपी) प्रदेश के 13 जिलों के किसानों के लिए सिंचाई की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इस परियोजना के मूर्त रूप लेने के बाद इन जिलों के ग्रामीण इलाकों की पीने के पानी की समस्या का निदान किया जा सकता है लेकिन केंद्र सरकार राज्य सरकार की लगातार कोशिशों के बावजूद इस महत्वकांक्षी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने से इनकार कर रही है।
श्री डोटासरा ने कहा कि अब केंद्र सरकार की ओर से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की बात कही जा रही है। केंद्र सरकार का यह कथन आश्चर्यजनक है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आपसी कलह का नतीजा है क्योंकि इस नहर सिंचाई परियोजना को उस समय तैयार किया गया था,जब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने इस परियोजना को मंजूरी देकर केंद्र सरकार के पास भिजवाया था तो जब भाजपा की मुख्यमंत्री किसी परियोजना की रिपोर्ट को तैयार करके भिजवा रहा है तो अब इसी पार्टी की केंद्र सरकार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की बात क्यों कर रही है? जाहिरहै कि पार्टी के आपसी कलह की वजह से उस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जा रहा है जिसे श्रीमती वसुंधरा राजे ने स्वीकृति दी थी जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही स्पष्ट वायदा किया था कि वह पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलायेंगे लेकिन अब अपने वायदे से मुकर कर इससे स्पष्ट इंकार कर रहे हैं।
श्री डोटासरा ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ ‘एंटी इन्कबेंसी’ से स्पष्ट रूप से इंकार किया और कहा कि ‘एंटी इन्कबेंसी’ तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के उन सभी 25 सांसदों के खिलाफ है जो प्रदेश से चुनकर जाने के बावजूद राजस्थान की जनता की भलाई के लिए धेला भर भी काम नहीं कर पाए हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना इसका जीता-जागता उदाहरण है कि प्रदेश का ही एक सांसद केंद्र सरकार में जल संसाधन मंत्री होने के बावजूद इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाना तो दूर, इसे शुरू करवाने में आर्थिक मदद दिलवाने में भी विफल रहा है जबकि राज्य सरकार लगातार इस परियोजना को लागू कर प्रदेश के 13 जिलों के किसानों को लाभान्वित करने के लिए हर संभव कोशिश में लगी है लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर ही बाधायेंखड़ी की जा रही है।
कोटा में संभाग स्तरीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के संवाद कार्यक्रम को भाग लेने आए श्री डोटासरा ने कहा कि
प्रदेश में कांग्रेस एकजुट है लेकिन भारतीय जनता पार्टी बिखरी हुई है। वहां एक नहीं आधा दर्जन से भी ज्यादा लोग मुख्यमंत्री पद के दावेदार बने हुए हैं। 7-8 नेता तो ऐसे हैं जो दिन भर एक-दूसरे को कोसते हैं और शाम को मुख्यमंत्री की तरह सूट-बूट पहन कर किसी शादी के रिसेप्शन में पहुंच जाते हैं। इससे ही स्पष्ट है कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता ही आपस में बटे हुए है।
श्री डोटासरा ने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार ने पूरे देश में डर का माहौल पैदा कर रखा है। देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है तो दूसरी ओर केन्द्र सरकार अपनी मातहत केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं सहित उन सभी लोगों को छापे के नाम पर डराने-धमकाने की कोशिश कर जा रही है जो सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां केंद्र की भाजपा नीत सरकार देश को बांटने में लगी हुई है, इसके विपरीत कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अपने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के तहत देश के लोगों को एक सूत्र में बांधने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा कर चुके हैं जिसका एक अच्छा और सार्थक संदेश पूरे देश के लोगों के बीच भी गया है। भाजपा की बांटने की राजनीति के बीच श्री गांधी की यह यात्रा निश्चित ही एक बहुत अच्छी कोशिश साबित हुई है। और उसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी देश के लोगों में आपस में सांप्रदायिक सद्भाव-भाईचारा को बढ़ाने का संदेश दे रही है।

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