विकास कार्यों में मॉडल शहर बनेगा कोटा-धारीवाल

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कोटा में 643,10 करोड़ रुपए की लागत कि जिन 31 विकास कार्यों का लोकार्पण किया है उनमें तीन अंडरपास और पांच फ्लाईओवर भी शामिल है। शांति धारीवाल ने कहा कि कोटा शहर राजस्थान में ही नहीं बल्कि मध्यम श्रेणी के शहरों के लिए पूरे देश भर में विकास का मॉडल बनेगा

-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान के नगरीय विकास एंव स्वायत्तशासन मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कोटा में 643,10 करोड़ रुपए की लागत कि जिन 31 विकास कार्यों का लोकार्पण किया है उनमें तीन अंडरपास और पांच फ्लाईओवर भी शामिल है। शांति धारीवाल ने कहा कि कोटा शहर राजस्थान में ही नहीं बल्कि मध्यम श्रेणी के शहरों के लिए पूरे देश भर में विकास का मॉडल बनेगा। कोटा में आज जिन विकास कार्यों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया है उनमें झालावाड़ रोड़ पर यातायात जाम की समस्या के स्थाई समाधान के लिए 650 मीटर की लम्बाई में 47 करोड़ रूपये की लागत से 4 लेन फ्लाई ओवर का निर्माण करवाया गया है। कोटा शहर के प्रमुख व्यवसाय केन्द्र गुमानपुरा में आवागमन के दौरान लगने वाले जाम की समस्या के समाधान के लिए 1200 मीटर की लम्बाई में 57 करोड़ की लागत से 2 लेन एलिवेटेड रोड़ का निर्माण करवाया गया है।

जाम की समस्या से मिलेगी निजात

अनन्तपुरा तिराहे पर यातायात के सुगम संचालन के लिए 530 मीटर की लम्बाई में कोटा से झालावाड़ की ओर तथा 1000 मीटर की लम्बाई में भामाशाह मण्डी से कोटा शहर की ओर 65 करोड़ की लागत से दो 2 लेन फ्लाई ओवरों का निर्माण करवाया गया है। बूंदी रोड़ पर महाराणा प्रताप चौराहे पर यातायात जाम की समस्या के स्थाई समाधान के लिए 467 मीटर की लम्बाई में 42 करोड़ की लागत से 2 लेन फ्लाई ओवर का निर्माण करवाया गया है। रेलवे स्टेशन से झालावाड रोड़ पर यातायात को सुगम करने की दृष्टि से 31.50 करोड़ की लागत से कोटा शहर की मुख्य सड़क गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक का विस्तार, सुदृढ़ीकरण, सौन्दर्यकरण एवं विद्युतीकरण किया गया है। अण्टाघर चौराहे पर लगातार यातायात जाम की समस्या से अस्पताल एवं राजकीय कार्यालयों में आने-जाने में समस्या रहती थी इसके निराकरण के लिए 29 करोड़ की लागत से अण्डरपास का निर्माण तथा सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है। एरोड्राम चौराहे पर यातायात जाम की समस्या के निराकरण के लिए 50 करोड़ की लागत से अण्डरपास का निर्माण तथा सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है। गोबरिया बावड़ी चौराहे पर चारों ओर से आने वाले वाहनों से आये दिन जाम की समस्या के स्थाई निराकरण के लिए 31.50 करोड़ की लागत से अण्डरपास का निर्माण तथा सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है।
कोटड़ी चौराहे पर यातायात के सुगम संचालन के लिए 10 करोड़ की लागत से ग्रेड सेपरेटर का निर्माण तथा सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है।

पार्किंग की समस्या का निदान

शहर के प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र गुमानपुरा में पार्किंग की समस्या के निदान के लिए 17 करोड़ की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग विकसित की गई है। इस पार्किंग में 288 कार एवं 428 दुपहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है। शहर के प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र रामपुरा में पार्किंग की समस्या के निदान के लिए 12 करोड़ की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग विकसित की गई है। इस पार्किंग में 173 कार एवं 132 दुपहिया वाहनो की पार्किंग की व्यवस्था है। अदालत चौराहे पर यातायात सुगम करने तथा पर्यटन की दृष्टि से सौन्दर्यकरण कार्य 12 करोड़ की लागत से कराया गया है। इसमें अदालत चौराहे का विकास, चारों तरफ फसाड़ कार्य एवं वियतनाम मार्बल पत्थर के चार वृहत कलात्मक नक्काशीनुमा हाथी इत्यादि का कार्य किया गया है। घोड़े वाले बाबा चौराहे पर यातायात सुगम करने तथा सौन्दर्यकरण की दृष्टि से 13 करोड़ की लागत से चौराहे का विकास एवं चौराहे पर बांसवाड़ा मार्बल से 23 मीटर ऊंचे मोन्यूमेंट्स का निर्माण किया गया है जिसमें पत्थर की नक्काशी से प्राचीन युद्ध का चित्रण, मार्बल के घुड़सवार, मार्बल के शेर, जालिया, फव्वारे आदि का कार्य किया गया है।

राजस्थानी निर्माण शैली में ओपीडी ब्लॉक का निर्माण

नयापुरा स्थित विवेकानन्द चौराहे पर यातायात सुगम करने तथा पर्यटन की दृष्टि से सौन्दर्यकरण कार्य 33 करोड़ की लागत से कराया गया है। इसमें गन मेटल से बनी स्वामी विवेकानन्द की 15 फीट ऊंची मूर्ति, चोराहे के चारों तरफ स्थित भवनों में स्टोन फसाड का कार्य एवं डेकोरेटिव लाइटिंग का कार्य किया गया है। महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में 40 करोड़ की लागत से भूतल एवं तीन मंजिला राजस्थानी निर्माण शैली में ओपीडी ब्लॉक का निर्माण किया गया है। इस बिल्डिंग में समस्त विभागों की ओपीडी समस्त प्रकार की जांचों, आईसीयू ऑपरेशन थियटर आदि का प्रावधान किया गया है एवं बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा की गई है।जे.के लोन अस्पताल में 12 करोड़ की लागत से भूतल एवं 2 मंजिला नवीन ओपीडी ब्लॉक का निर्माण राजस्थानी शैली में किया गया है। इस भवन में पेडियाट्रिक एवं गायनोकोलोजी विभागो की ओपीडी, जांचें,आईसीयू, ऑपरेशन थियटर आदि का प्रावधान किया गया है। बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा की गई है।
जेके लोन अस्पताल में 18 करोड़ की लागत से भूतल एवं 3 मंजिला नवीन आईपीडी का निर्माण किया गया है, इस भवन में शिशु के उपचार के लिए आधुनिक सुविधाओं युक्त नीकु-पीकु एवं सामान्य वार्डाे में 183 बेड्स का प्रावधान है। रेलवे स्टेशन से निकलते ही शहर के ऐतिहासिक स्वरूप को प्रदर्शित करते हुए 4 करोड़ की लागत से रियासत कालीन सुभाष लाईब्रेरी के भवन का जीर्णाेद्वार किया गया है।

महाविद्यालय भवन का जीर्णाेद्वार

रियासतकालीन राजकीय महाविद्यालय भवन का 4 करोड़ की लागत से जीर्णाेद्वार एवं लाईटिंग का कार्य किया गया है। जयपुर के एल्बर्ट हॉल की तर्ज पर दिखाई देने वाला यह भवन पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र बनाया गया है।
जेडीबी कॉलेज के सामने युवाओं को स्वतन्त्रता आन्दोलन का संदेश देने के लिए 4.6 करोड़ की लागत से स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान किए गए विचार विमर्श को दर्शाते हुए महात्मा गांधी, पं० जवाहर लाल नेहरू एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्तिया स्थापित की गई है। चम्बल शुद्धिकरण के लिए नदी में गिर रहे नालों के गंदे पानी के शुद्धिकरण करने के उद्देश्य से 62 करोड़ की लागत से 30 एमएलडी क्षमता का एसटीपी प्लाट बालिता में निर्मित किया गया है।
इसके अलावामहाराव भीमसिंह अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं युक्त 68 करोड़ की लागत से बेसमेंट एवं 5 मंजिला डीलक्स कोटेज वार्ड का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसमें लगभग 160 बेड्स की सुविधा उपलब्ध होगी।

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