
-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान में कोटा के प्रभारी मंत्री चिकित्सा एंव स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री और पूर्व उप मुख्यमंत्री के बीच बयानबाजी के बारे में जानकारी होने से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट है।
राजस्थान के कोटा जिले में सरकार की ओर से संचालित फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा करने आए श्री मीणा ने आज सर्किट हाउस में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच पेपर लीक मसले पर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के बारे में उन्हे जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से राजस्थान में सभी कांग्रेसजन श्री गांधी के नेतृत्व में एकजुट हैं और पार्टी में किसी भी तरह का अंतर्क्लह नहीं है। उन्हें श्री गहलोत और श्री पायलट के बीच बयानबाजी के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
विवाद जैसी कोई बात नहीं
उल्लेखनीय है कि श्री मीणा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है और पूर्व में भी जब कभी श्री गहलोत और श्री पायलट के बीच विवाद की स्थिति बनी तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने श्री गहलोत और प्रदेश सरकार का बचाव करते हुए श्री पायलट और उनके समर्थकों पर हमलावर रवैया अपनाया था। श्री मीणा ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक अच्छा संदेश देकर गई है। और उसके बाद से ही पार्टी के सभी कार्यकर्ता एकजुट हैं और अगला विधानसभा चुनाव सब साथ मिलकर लड़ेंगे। विवाद जैसी कोई बात नहीं है। यह विवाद उस समय उठा था जब हाल ही में हुए पेपर लीक मसले को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में किसान सम्मेलन आयोजित करने के अपने रणनीतिक फैसले के तहत मारवाड़ संभाग के नागौर जिले के परबतसर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह कहते हुए घेरने की कोशिश की थी कि पेपर लीक जैसे मामलों में छोटे दलालों को पकड़ने के बजाय इस गिरोह के सरगनाओं को पकड़ना चाहिए क्योंकि जब भी कभी पेपर लीक ऐसी घटनाएं होती है तो मन आहत हो जाता है क्योंकि हजारों-लाखों युवाओं की परीक्षा की तैयारियों की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
सरगनाओं को ही पकड़ा
सचिन पायलट की घेराबंदी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कहते हुए उल्टे उन्हीं पर निशाना साधा था कि पेपर लीक मामले में छोटे-मोटे दलालों को नहीं बल्कि सरगनाओं को ही पकड़ा गया है और पेपर लीक मामले में कोई अफसर या नेता शामिल नहीं है। पकड़े गए लोग परीक्षाओं के आयोजक और प्रिंसिपल जैसे पद आसीन व्यक्ति हैं। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद गुरुवार को उस समय और बढ़ गया जबमुख्यमंत्री ने बजट पूर्व की चर्चाओं में राज्य कर्मचारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए बातों ही बातों में बिना नाम लिए सचिन पायलट की तुलना कोरोना वायरस से कर दी और कहा कि बीता समय काफी बुरा गुजरा। कोरोना वायरस के बीच ही ऐसा ही एक और वायरस घुस आया था।