
-हरियाणाः भाजपा ने 67 प्रत्याशी किए घोषित -द ओपिनियन-
लंबी मंत्रणा और मंथन के बाद भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 प्रत्याशियों की पहली सूची बुधवार रात जारी कर दी। पार्टी ने 17 विधायकों और 8 मंत्रियों को दोबारा मौका दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने सूची जारी करने में सामाजिक समीकरणों और उन लोगों का खास ध्यान रखा है जिन्होंने अपनी मूल पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थामा है। जजपा व कांग्रेस से भाजपा में आए दो नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है। दलबदल कर पार्टी में आए लोगों को टिकट देकर भाजपा ने वस्तुतः हरियाणा के ताकतवर सियासी परिवारों को भी साधा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई शामिल है। बंसीलाल और भजनलाल के परिवार मूलतः कांग्रेसी हैं और लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहे और सत्ता में रहे। बंसीलाल की बहू किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ गत लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हो गई थी। पार्टी ने हाल ही किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया था और अब बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम विधानसभा सीट से टिकट दिया है। जबकि कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के माध्यम से हरियाणा के प्रभावशाली जाट समुदाय को साधने का प्रयास किया है। वहीं, भव्य बिश्नोई के जरिए बिश्नोई समुदाय को साधने का प्रयास किया है। बिश्नोई समुदाय राजस्थान के बाद हरियाणा के कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव रखता है। आदमपुर सीट भजनलाल परिवार का गढ़ मानी जाती है। भव्य बिश्नोई यहां से विधायक हैं और उनके पिता कुलदीप बिश्नोई भी यहां से विधायक रह चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई पिछले साल ही कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस छोड़ने के बाद कुलदीप विश्नोई ने आदमपुर विधानसभा सीट की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। बाद में हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके बेटे भव्य बिश्नोई को वहां से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा जिसमें जीत हासिल कर भव्य विधानसभा पहुंचे। कुलदीप विश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं। अब देखना यह है कि बंसीलाल और भजनलाल की विरासत भाजपा को कहां और कितना फायदा पहुंचाती है। इनके अलावा पार्टी ने एक और राजनीतिक परिवार को टिकट देने में प्राथमिकता दी है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को पार्टी ने अटेली से टिकट मिला है। राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का रेवाडी क्षेत्र में सियासी प्रभाव है। राजनीतिक परिवारों की इस सूची में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्तिरानी शर्मा भी शामिल हैं। अब देखना है कि भाजपा देवीलाल के परिवार के रणजीत सिंह चौटाला को शेष सीटों पर एडजस्ट करती है या नहीं। बस एक लाल परिवार ही बच गया है, चुनावी मैदान में उतरने से।
वहीं, पार्टी ने टिकट देने में उन सभी का खासतौर से ख्याल रखा है, जो कुछ दिन पहले दूसरी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। तीन दिन पहले भाजपा में शामिल जजपा के देवेंद्र बबली, हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्तिरानी शर्मा, जजपा के रामकुमार गौतम, जजपा नेता संजय कबलाना, जजपा के अनूप धानक, जजपा के पवन खरखौदा व पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को चुनाव मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस से आए निखिल मदान और इनेलो के आए श्याम सिंह राणा को भी टिकट मिला है।
भाजपा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से मैदान में उतारा गया है। इससे पहले वह करनाल से विधानसभा में पहुंचे थे। लाडवा सैनी समुदाय के प्रभाववाली सीट मानी जाती है। सीएम सैनी पहले वहां से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा पार्टी ने अन्य दिग्गज नेताओं को भी टिकट देकर संतुलन साधने का प्रयास किया है। ज्ञान चंद गुप्ता को पंचकूला से, पूर्व गृह मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट से, कंवर पाल गुर्जर को जगाधरी से, सुनीता दुग्गल को रतिया से, तेजपाल तंवर को सोहना से चुनाव मैदान में उतारा है। हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को नारनौंद सीट से टिकट दी गई है, पिछले विधानसभा चुनाव में उनको हार मिली थी। सत्ता विरोधी लहर रोकने के लिए पार्टी ने 40 सीटों से उम्मीदवार बदल दिए हैं। दो पूर्व सांसदों, एक राज्यसभा सांसद और 27 नए चेहरों को मैदान में उतारा है। पार्टी ने तीन मंत्रियों समेत आठ विधायकों का टिकट