भाजपा-आरएसएस को जय सियाराम तो बोलना ही पड़ेगा-राहुल

ये लोग भगवान राम की जो भावना है, उसको नहीं मानते, क्‍योंकि अगर मानते, तो इस देश में जो नफरत फैला रहे हैं, जो हिंसा फैला रहे है, वो कभी नहीं फैलाते। जो किसानों के साथ अत्याचार, युवाओं को बेरोजगार एवं महिलाओं का वो अपमान कर रहे हैं, वो कभी नहीं करते

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

झालरापाटन। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भगवान राम की भावना के अनुरुप नहीं चलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर ये लोग राम की भावना मानते तो देश में नफरत एवं हिंसा कभी नहीं फैलाते। श्री राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान झालरापाटन के पास चंद्रभागा चौराहे पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये लोग भगवान राम की जो भावना है, उसको नहीं मानते, क्‍योंकि अगर मानते, तो इस देश में जो नफरत फैला रहे हैं, जो हिंसा फैला रहे है, वो कभी नहीं फैलाते। जो किसानों के साथ अत्याचार, युवाओं को बेरोजगार एवं महिलाओं का वो अपमान कर रहे हैं, वो कभी नहीं करते।

सीता के बिना राम नहीं हो सकते, राम के बिना सीता नहीं हो सकती

उन्होंने कहा “मैं भाजपा एवं आरएसएस से एक बात पूछना चाहता हूं। पहले एक नारा हुआ करता था, पूरे देश में एक नारा चलता था, आपने सुना है, ‘जय सियाराम’ मतलब सीता और राम का नारा। भाईयों और बहनों सीता के बिना राम हो सकते हैं, सवाल नहीं उठता। सीता के बिना राम नहीं हो सकते, राम के बिना सीता नहीं हो सकती हैं। देखो आप ये बात समझ गए। राजस्‍थान का किसान, राजस्‍थान का मजदूर, ये बात समझ गया। तो अपने नारे से आरएसएस और बीजेपी के लोगों ने सीता माँ को क्‍यों निकाला है। वो कभी जय सियाराम क्‍यों नहीं बोलते, ठीक है, अगर जय श्री राम बोलना है, तो बोलिए, मगर आरएसएस के लोगों को जय सियाराम बोलना पड़ेगा, और वो सीता मां का अपमान नहीं कर सकते हैं।”
श्री राहुल गांधी ने कहा “एक दूसरा नारा है, जो गांधी जी कहते थे, वो शायद सबसे सुंदर नारा है, ‘हे राम’ ये सबसे गहरा नारा है। ‘हे राम’ का मतलब मैं आपको बताना चाहता हूं। जो शब्‍द गांधीजी ने गोली खाने के बाद कहे थे, तीन बार- हे राम, हे राम , हे राम। उस नारे की गहराई और गांधी जी की सोच, मैं आज आपको बताना चाहता हूं। ‘हे राम’ का मतलब जो राम भगवान थे, उनकी एक सोच थी, उनके दिल में भावना थी, उनका जीने का तरीका था। वो सब का आदर करते थे, वो नफरत किसी से नहीं करते थे, वो सबसे प्‍यार करते थे, सबसे गले लगते थे, उस भावना को हम ‘हे राम’ कहते हैं। जब हम ‘हे राम’ कहते हैं, हम निर्णय करते हैं कि जो राम जी की भावना थी, उस भावना से हम अपना जीवन जीयेंगे। ये है मतलब, ‘हे राम’ का।”

राम भगवान की जो भावना है, उसको नहीं मानते

उन्होंने कहा “यह भी नारा आरएसएस के लोग भूल गए हैं। वो कभी ‘जय सियाराम’ नहीं बोलते। सीता को परे कर दिया और हे राम कभी नहीं बोलते, क्‍योंकि वो जो राम भगवान की जो भावना है, उसको नहीं मानते। उन्होंने कहा कि मैं आरएसएस के लोगों से कहना चाहूंगा कि भगवान राम को समझिए, उनकी भावना, उनके जीने के तरीके को समझिए। उन्‍होंने सिर्फ प्यार की बात की थी, भाईचारे की बात की थी, इज्ज़त की बात की थी, नफ़रत की बात नहीं की थी, हिंसा की बात नहीं की थी। तो जब भी आपको कोई आरएसएस का व्‍यक्ति मिले या बीजेपी का व्‍यक्ति मिले, कांग्रेस के कार्यकर्ता और राजस्थान की जनता उनसे कहो- पहले ‘हे राम’ बोलो और फिर ‘जय सियाराम’ बोलो।”

सच्‍चाई यह है कि 3,700 किलोमीटर से ज्‍यादा हमारे किसान, हमारे मजदूर चलते हैं

श्री राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा हमने कन्‍याकुमारी में शुरु की और अब यह राजस्‍थान से दिल्‍ली होकर श्रीनगर तक जाएगी और श्रीनगर में हम अपना प्‍यारा तिरंगा फहरायेंगे। उनकी यात्रा को मुश्किल यात्रा बताने की बात से सहमत नहीं होते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा को 3,700 किलोमीटर की बहुत लम्‍बी यात्रा और बहुत मुश्किल यात्रा बताया जा रहा है लेकिन वह सहमत नहीं है। सच्‍चाई यह है कि 3,700 किलोमीटर से ज्‍यादा हमारे किसान, हमारे मजदूर चलते हैं। खून- पसीना अपना देते हैं, देश को देते हैं और इन सड़कों पर जिन्‍दगी भर हजारों किलोमीटर चलते हैं। देश के किसान, देश के मजदूर सच्‍चे तपस्‍वी हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की जो सरकार है, दिल्‍ली की सरकार है, वो हिन्‍दुस्‍तान के जो तपस्‍वी हैं, जो इस देश के लिए काम करते हैं, उन पर आक्रमण कर रही है। पूरा का पूरा फायदा जो आपका धन है, उनके 2-3 उद्योगपति मित्रों को दिया जा रहा है और जो किसान को मिलना चाहिए, जो मजदूर को मिलना चाहिए, जो छोटे दुकानदारों को मिलना चाहिए, स्‍मॉल और मीडियम बिजनेस चलाने वालों को मिलना चाहिए, वो उनको नहीं मिल रहा है, ये आज देश की सच्‍चाई है।

किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने की कोशिश की गई

उन्होंने कहा कि किसान के लिए तीन काले कानून लाए गए और किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने की कोशिश की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन कानूनों को किसानों के फायदे के लिए बताया था। अगर कानून किसानों के फायदे के लिए थे तो हिन्‍दुस्‍तान के किसान सड़कों पर क्यों उतरे और प्रदर्शन किया। अन्‍त में किसानों की शक्ति ने, किसानों की हिम्‍मत ने काले कानूनों को रद्द कराया और प्रधानमंत्री को पीछे हटना पड़ा। ये छोटा काम नहीं है, एक साल लगा। एक साल से ज्यादा किसानों को सड़कों पर रखा, बारिश में, तूफान में, ठण्‍ड में और गर्मी में, मगर किसान पीछे नहीं हटे।

ये कानून नहीं हैं, ये हथियार हैं। ये गरीबों को चोट पहुंचाने के

श्री राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी और गलत जीएसटी, ये कानून नहीं हैं, ये हथियार हैं। ये गरीबों को चोट पहुंचाने के, छोटे बिजनेस वालों को, स्‍माल और मीडियम बिजनेस वालों को चोट पहुंचाने के हथियार हैं और इनका लक्ष्य, हिंदुस्तान के अरबपतियों का फायदा करवाना है। उन्होंने कहा कि हिन्‍दुस्‍तान में छोटे-छोटे लाखों बिजनेस हैं, ये युवाओं को रोजगार देते हैं। नोटबंदी और जीएसटी ने इन सबको खत्‍म कर दिया। नतीजा ये हुआ कि आज हिन्‍दुस्‍तान अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे सकता। जितनी भी कोशिश कर लो, आज का युवा नोटबंदी और जीएसटी के कारण इस देश में रोजगार नहीं पा सकता है, यह सच्चाई है।

रोजगार का रास्ता भी बन्‍द कर दिया

उन्होंने कहा कि दो और रास्‍ते हैं। एक रास्‍ता, पब्लिक सेक्‍टर का। पब्लिक सेक्‍टर की सब कंपनियों को, बीएचईएल, रेलवेज, तेल की कंपनीज़ को, सबको एक के बाद एक, एक के बाद एक ये निजीकरण कर रहें हैं। तो पहले जो गरीबों के लिए रास्ता था, रोजगार का रास्ता था, उसको भी इन्‍होंने बन्‍द कर दिया है और अंत में, जो सरकारी नौकरियाँ होती हैं, जो राजस्‍थान की सरकार अभी भी देती है, स्कूल्स में, कॉलेजेज़ में और स्वास्थ्य के जो सिस्टम हैं, अस्पतालों में, सरकारी अस्पतालों में, उन सबको मोदी सरकार और जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वो एक के बाद एक बंद कर रहे हैं। तो रोजगार के सारे के सारे रास्‍ते बंद हो रहे हैं, और इसके कारण देश में डर पैदा हो रहा है और डर को भाजपा के लोग नफरत में बदलते है, इसीलिए हमने ये यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर, बेरोजगारी के खिलाफ, जो महंगाई, मोदी सरकार बढ़ाती जा रही है, जो पैट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं, जो गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते जा रहे हैं लेकिन अब इसके खिलाफ लोगों का समर्थन मिलने लगा है।

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