– नहीं चेते तो पर्यावरण एमरजेंसी लगानी होगीः चम्बल संसद
कोटा। पर्यावरण प्रेमी नागरिकों ने शहर में पेंड़ों को बचाने में प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि विकास कार्यों तथा अनावश्यक सीमेंट कंकरीटाईजेशन के नाम पर शहर में लाखों की संख्या में पेड़ों की हत्या हो रही है। इसे अविलम्ब रोका जाए और पेड़ों को बचाने के पर्यावरणीय कानूनों की सख्ती से पालना कराई जाए।
चम्बल संसद एवं कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी,बाघ- चीता मित्रों तथ मित्र संस्था नागरिक चेतना मंच ने जिला कलेक्टर से भेंट कर बताया कि कोटा शहर में अनेक स्थानों पर विकास के नाम पर पेड़ों की बर्बादी की जा रही है। कई लोग विकास की आड़ में अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। सरकार का कोई विभाग पेड़ों को बचाने की जिम्मेदारी नहीं निभा रहा। अधिकांश स्थानों पर पेड़ों को अनावश्यक काटा जा रहा है। छांटने के नाम पर भी पेड़ों का संतुलन बिगाड़ कर उन्हें गिरने के लिए छोड़ दिया जाता है। हाल ही में तलवण्डी कॉमर्स कॉलेज रोड, सीएडी चौराहा, पुराने परिवहन कार्यालय तथा बारेखेड़ा चौराहे पर पेड़ों को काटने के मामले जानकारी में आए है। चम्बल संसद के समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय, नागरिक चेतना मंच के शशि गौतम, पुरूषोत्तम पंचोली, राजेंद्र गौतम, डॉ अनिल शर्मा, श्याम मनोहर हरित आदि गणमान्य लोगों ने कलेक्टर को बताया कि शहर का तापमान निरंतर बढ़ता जा रहा है जो कि ग्लोब वार्मिंग और शहर में प्रदूषण के स्तर को बढा रहा है। संबंधित विभागों को पेड़ों के साथ संवेदनशीलता बरतने का आदेश जारी करे या कठोर कार्रवाई करावें।
शहर में कई स्थानों पर नए पौधारोपण के लिए जगह नहीं मिल रही है। ऐसी सूचनाऐं आ रही हैं कि लोग चाह कर भी पेड़ नहीं लगा सकते। जिले में एवं कोटा शहर में भी सड़कों के किनारे पर सीमेंट कंकरीट की अनावश्यक परतें नगर विकास न्यास और नगर निगम तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग ने विकास कार्यों के नाम पर बिछा दी है जिससे पुराने पेड़ सूख कर खत्म हो गए या मर गए। शहर में ऐसे दृश्य हर कहीं देखे जा सकते है। इससे हरियाली खत्म हो रही है और शहर का तापमान भी बढ़ रहा है। पूर्व में भी कई बार प्रशासन को विभिन्न माध्यमों से अवगत कराया गया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
संबंधित विभागों को पाबंद करें कि वे पेड़ों को बचाने तथा नए पौधारोपण के लिए सीमेंट, इंटर लॉकिंग टाईल्स जो कि कई जगह अनावश्यक लगा दी गई है ,उन्हें हटाऐं। कोटा शहर में शीघ्र ही तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर सकता है और सरकार को पर्यावरणीय एमरजेंसी लागू करनी पड़ेगी।
– तलवंडी में पेड़ कटने से बचाया
गुरूवार को प्रातः तलवंडी कॉमर्स कॉलेज रोड़ पर अनअकेडमी कोचिंग संस्थान के पास पीपल के पेड़ को असामाजिक तत्वों ने काटने का प्रयास किया जिसे समाजसेवी संदीप नरूका, पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय,संजय पारीक,विनोद चतुर्वेदी,एमसी जेठवानी आदि लोगों ने हस्तक्षेप कर पेड़ को बचाया और काटने वालों को कड़ी चेतावनी दे कर छोड़ा। प्रशासन के मूक दर्शक होने पर आश्चर्य व्यक्त किया।