भारत की विरासतें हम सभी का गौरव: प्रो सुखदेव सिंह

19833e3e e6cf 4dba 82ac d9a88fb7beca
प्रो सुखदेव सिंह सिंपोजियम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए
  • बारां में नेशनल एनवायरमेंट सिंपोजियम का आयोजन

-प्रत्येक प्रकार की समृद्धि हम जुटा सकते हैं परंतु जंगल नहीं: ज्ञानेश्वर दयाल

बारां। भारत की विरासतें इसे अन्य देशों से अलग खड़ा करती हैं। ये विरासतें सांस्कृतिक प्राकृतिक मूर्त और अमूर्त रूप से हमारे समुदाय को समृद्ध करती हैं। जिससे हम सभी गौरव का अनुभव करते हैं। भारतीय संस्कृति निधि एक ऐसा ही साझा मंच है जो विनियमों को संधारित करता है। प्राकृतिक विरासत के रूप में शाहबाद का जंगल पूरे राज्य में ही नहीं देश भर में स्थान रखता है। यदि विनाश बचाकर विकास होता है तो इंटेक इसका समर्थन करती है। ये​ विचार भारतीय सांस्कृतिक निधि इंटैक् के वाइस चेयरमैन प्रो सुखदेव सिंह ने बारां में आयोजित नेशनल एनवायरमेंट सिंपोजियम के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त् किए। दो दिवसीय नेशनल एनवायरमेंट सिंपोजियम का आयोजन बारां इंटैक् चेप्टर तथा शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां के सहयोग से किया जा रहा है। प्रो सुखदेव सिंह ने कहा कि शाहबाद हमारी प्राकृतिक विरासत है। केवल शाहबाद ही नहीं सम्पूर्ण देश के वनों और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए इंटैक उच्च स्तर पर बात करेगी।

whatsapp image 2025 08 31 at 15.57.54
सत्र के मुख्य अतिथि और पायनियर समाचार पत्र के संपादक ज्ञानेश्वर दयाल ने कहा कि संसार में प्रत्येक प्रकार की समृद्धि हम जुटा सकते हैं। परंतु जंगलों को नहीं जुटा सकते हैं। पर्यावरण हमारे देश के लिए चुनौती भरी समस्या है जिसके लिए सरकार और जागरूक लोगों को आगे आना चाहिए।
अध्यक्षता करते हुए इंटैक एडवायजरी कमेटी के चेयरमैन विष्णु साबू ने कहा कि विश्व के सभी देशों को शुद्ध हवा की आवश्यकता है। हमारे पंच भौतिक तत्वों में हवा भी एक तत्व है। जिसके बिना हम नहीं रह सकते। अत: हमें पर्यावरण के लिए हमारे समाज को जागृत करना होगा।
सत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए इंटैक के पूर्व संयोजक रमेश अदलखा का शॉल श्रीफल से स्वागत किया गया।
दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि अंतरराष्टीय पर्यावरण कार्यकर्ता रोबिन सिंह ने कहा कि आने वाली ​पीढियों को जिंदा रखने के लिए जल जंगल जमीन को बचाए रखना होगा। इनके अभाव में हमारे समाज का वातावरणीय ढांचा बिगड जाएगा। विशिष्ट अतिथि लायंस क्लब के अध्यक्ष कुंज बिहारी नागर ने कहा कि शास्त्रों में वृक्षारोपण का बहुत महत्व है। हमारी संस्कृति हमें वृक्ष संरक्षण का मार्ग बताती है न कि पर्यावरण की हानि का।
पत्रवाचन करते हुए बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि शाहबाद जंगल का पर्यावरणीय मुद्दा पूरे देश का मुद्दा है। जिसे सही तरीके से उसका महत्व समझाकर सुलझाना आवश्यक है। दूसरे पत्रवाचक नई दिल्ली के गौरव कांत गर्ग ने कहा कि पर्यावरण की शुद्धि की अहम आवश्यकात को नकारा नहीं जा सकता।
अध्यक्षता करते हुए डॉ राधेश्याम गर्ग ने कहा कि हमारे शास्त्रों में जडी बूटियों का बहुत महत्व है। यदि हम शाहबाद की चर्चा करें तो देश भर में पाई जाने वाली जडी बूटियों में 320 का यहां पाया जाना हमारे लिए गौरव की बात है। हमें देश और विदेश के पर्यावरण के लिए आगे आना होगा।
कार्यक्रम का संचालन यंग इंटैक के कन्वीनर कुमार शायी शर्मा ने किया। रामदास शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इंटैक कन्वीनर जितेंद्र कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments