
-राजेश खंडेलवाल-

भरतपुर। अपनाघर आश्रम भरतपुर में गुरुवार को पूजन एवं इबादत का अद्भुत संगम देखने को मिला। सैकडों की संख्या में प्रभुजी, सेवासाथी एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रथम पूज्य आराध्य गणेश जी की विसर्जन यात्रा एवं पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्म दिन व परलोकमगमन के अवसर पर ईद-ए-मिलाद जुलूस एक साथ निकाले गए। जहां आगे-आगे श्री गणपति बप्पा मोरिया की धुने गाजे-बाजे के साथ चल रही थी जिन पर प्रभुजी एवं पदाधिकारी झूम रहे थे वहीं उनके पीछे-पीछे इस्लाम धर्म से संबंधित प्रभुजी एवं भरतपुर से मौलवी एवं अन्य सदस्य पैगम्बर मोहम्मद साहब की आयतों के उद्घोष के साथ ढोल नगाडों पर थिरक रहे थे।
दोनों ही धार्मिक कार्यक्रमों में केवल आस्तिकों को उनकी वेशभूषा से पहचाना जा सकता था वैसे यहां न कोई हिंदू, न कोई मुस्लिम नजर आ रहा था। सभी एक दूसरे के धर्म का सम्मान कर रहे थे तथा अपने -अपने धर्मानुसार अपनी खुशियों को एक-दूसरे के साथ बांट रहे थे। संयोग की बात थी कि दोनों ही जुलूस एवं गणेश विसर्जन का समापन एक ही स्थन पर आमने-सामने हुआ जिसमें गणेश जी की प्रतिमा को संस्था परिसर में बने विशाल पातालतोड हार्वेस्टिंग सिस्टम में हिंदू धर्म की रीति रिवाज के अनुसार जल में समाधि दी गई। वहीं सामने बने आध्यात्मिक केंद्र में इस्लाम धर्म का जलसा हुआ जिसमें मौलवियों द्वारा पैगम्बर मोहम्मद साहब की आयतों का गायन किया। अंत में कुरान शरीफ की दुआओं का वाचन किया।
मुस्लिम समुदाय के 700 से अधिक प्रभुजी आश्रम में आवसरत है, जिनमें आज होने वाले कार्यक्रम में 235 प्रभुजियों ने भाग लिया इससे पूर्व प्रभुजी द्वारा प्रभु प्रकल्प स्थित थियेटर (सिनेमा हॉल) में कुली मूवी का आनन्द लिया। तथा इसके बाद कैफेटेरिया में भोजन प्रसादी का आयोजन हुआ। यहां सभी धर्मों के प्रभुजी आवसरत है यहां सद्भावना का तो प्रत्येक दिन ही होता है लेकिन आज समारोह की एक अलग ही झलक थी।

















