
-पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की हारी सीटी पर नजर
-राजस्थान से पुराने संबंधों की दी जा रही दुहाई
-राजेन्द्र सिंह जादौन-
चंडीगढ़।राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) का रुख गंभीर हैं। जजपा इस चुनाव में उन सीटों पर फोकस कर रही है जो भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में हार गई थी। इसको लेकर 8 अक्टूबर को जजपा ने राजस्थान कार्यकारिणी की जयपुर में एक अहम मीटिंग भी बुलाई है। इस मीटिंग में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला के साथ डिप्टी सीएम हरियाणा दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहेंगे। हाल ही में 25सितंबर को जजपा सीकर में ताऊ देवी लाल के 110वें जन्मदिवस पर एक रैली का आयोजन कर चुकी है।
सीकर रैली के बाद अब जजपा रोड शो की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रदेश की 8 विधानसभाओं के नाम तय किए गए हैं। इनमें नोहर, सूरतगढ़, दाता रामगढ़, जयपुर ग्रामीण के अलावा नवलगढ़, फतेहपुर, कोटपुतली, भरतपुर के नाम शामिल हैं। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला रोड शो का नेतृत्व करेंगे। 13 अक्तूबर से रोड शो की शुरुआत की जाएगी।
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और जजपा के गठबंधन के मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि इसको लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। पिछले दिनों भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इसको लेकर मीटिंग की थी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी जजपा नेताओं की मीटिंग हो चुकी हैं।हरियाणा में भाजपा की सहयोगी जजपा राजस्थान में 25 से 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन सीटों में वह सीटें भी शामिल हैं जिन पर भाजपा पिछले विधानसभा चुनावों में हार गई थी। जजपा के नेता दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से राजस्थान सीमा से लगते हुए उन विधानसभा क्षेत्र पर जहां बीजेपी को पिछले चुनावों में जीत नहीं मिली, ज्यादा चर्चा कर रही है।दुष्यंत चौटाला राजस्थान में अपने पुराने नाते-रिश्ते की याद दिला कर सियासी समीकरण साधने की कवायद कर रहे हैं। दुष्यंत चौटाला के परदादा चौधरी देवीलाल राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं और देश के उपप्रधानमंत्री बने थे। इतना ही नहीं दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला नोहर और दातारामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक रहे।इस तरह से जेजेपी राजस्थान के साथ अपने पुराने रिश्तों की दुहाई देकर हरियाणा की तरह ही किंगमेकर बनने की जुगत में है। इसके लिए मजबूत नेताओं को जोड़कर उन्हें चुनावी रण में उतारने की तैयारी कर रखी है।

















