
—अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आर्य समाज ने किया बृहद् देव यज्ञ का आयोजन
-दुष्यंत सिंह गहलोत-
कोटा। महिलाएं समाज में परिवर्तन का संकल्प लें, क्योंकि समाज का समग्र विकास महिलाओं के बिना असंभव है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं यह बेहतर तरीके से जानती हैं कि उन्हें क्या-क्या परिवर्तन करने हैं और ये किस तरह से होंगे। आवश्यकता है कि महिलाएं समाज में परिवर्तन का संकल्प लें उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय आर्य नेता एवं वैदिक प्रवक्ता विनय आर्य महामंत्री दिल्ली सभा ने महर्षि दयानंद सेवा समिति कोटा द्वारा आयोजित महिला दिवस के अवसर पर व्यक्त किए।
विनय आर्य ने कहा कि जहां कुछ वर्ष पूर्व विकसित राष्ट्रों में भी महिलाओं को समानता के आधार पर वोट देने का अधिकार नहीं था वहीं आज से 150 वर्ष पूर्व आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने संगठन में स्त्रियों को पुरुषों के बराबर अधिकार प्रदान करते हुए वोट देने का अधिकार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती की विचारधारा स्पष्ट थी कि महिलाओं को समानता का अधिकार दिए बिना भारत राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सतीश चड्ढा अध्यक्ष केंद्रीय आर्य सभा दिल्ली राज्य ने कहा कि मां मनुष्य की प्रथम गुरु होती है और यदि प्रथम गुरु सर्वाधिकार संपन्न है तो वह समाज विकसित बना रहता है। आर्य समाज ने अपने आविर्भाव के समय से ही महिलाओं को केवल सामाजिक ही नहीं अपितु धार्मिक स्थल पर समानता का अधिकार प्रदान किया।
महर्षि दयानंद सेवा समिति कोटा के महामंत्री राकेश चड्ढा ने बताया कि महिला दिवस के उपलक्ष्य में समिति द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए। जिसका समापन आज आचार्य अग्निमित्र शास्त्री के ब्रह्मत्व मे 11 कुण्डीय बृहद् देव यज्ञ के साथ हुआ जिसमें उपस्थित महिलाओं ने वेद मंत्रोच्चार पूर्वक आहुतियां प्रदान की।
समिति की अध्यक्ष रीटा गुप्ता ने बताया कि यज्ञ के पश्चात आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर सावित्री चौधरी प्राचार्य मां भारती टीटी कॉलेज कोटा,मुख्य अतिथि डॉक्टर संगीता सक्सेना रेडियोलॉजिस्ट मेडिकल कॉलेज कोटा व विशिष्ट अतिथि सरोज गोयनका श्रीमती ममता खंडेलवाल, डॉ कांता दासवानी डायरेक्टर दासवानी डेंटल कॉलेज कोटा तथा स्थानीय पार्षद विवेक मित्तल रहे।
समिति के महामंत्री राकेश चड्ढा ने बताया कि मुख्य वक्ता विनय आर्य तथा अति विशिष्ट अतिथि सतीश चड्ढा सहित आगन्तुक अतिथियों ने तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित 25 सांस्कृतिक, बौद्धिक खेलकूद तथा योगासन प्रतियोगिताओं में 75 पदक विजेता महिलाओं को गोल्ड सिल्वर व ब्रोंज मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।
समिति द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में समाज सेवा तथा महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने वाली 21 महिलाओं को केसरिया पटका ओढा,मोतियों की माला पहना कर तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया। समिति की शबनम सिंह व कीर्ति गौतम ने बताया कि समिति की 200 से अधिक महिला प्रतिभागियों का केसरिया पटका,माला पहना तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ सावित्री चौधरी ने कहा कि आर्य समाज अपनी स्थापना से ही महिलाओं को समान अधिकार देता रहा है। आर्य समाज द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बालिका शिक्षा तथा विधवाओं के पुनर्विवाह हेतु अनेकों कार्यक्रम चलाए गए इसके साथ ही बाल विवाह रुकवाने के लिए कानून बनवाया गया। मुख्य अतिथि डॉ संगीता सक्सेना ने महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने व कैंसर जैसी घातक बीमारी से मनोबल पूर्वक लड़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर सरोज गोयंका द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए प्रत्येक क्षेत्र में उनकी भूमिका को सराहनीय बताय ।
इससे पूर्व वेद विदुषी डॉक्टर सुदेश आहूजा ने वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम को श्रीमती ममता खंडेलवाल रोटरी क्लब रॉयल कोटा तथा डॉक्टर कांता दासवानी ने भी संबोधित किया ।
कार्यक्रम में आर्य उप प्रतिनिधि सभा कोटा संभाग के प्रधान अर्जुन देव चड्ढा, पतंजलि भारत स्वाभिमान के राज्य प्रभारी अरविंद पांडेय,स्थानीय वार्ड पार्षद विवेक मित्तल,आर्य समाज तलवंडी की प्रधान सुमनबाला सक्सेना, लेखिका डॉ अपर्णा पांडेय आर्य, उप प्रतिनिधि सभा के उपमंत्री लालचंद आर्य, भैरों लाल शर्मा, किशन आर्य, हरियाणा पं श्योराज वशिष्ठ, नरेन्द्र शर्मा तथा महर्षि दयानंद सरस्वती सेवा समिति के सदस्य उपस्थित रहे। शांति पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

















