-राजेन्द्र गुप्ता-

हर महीने में 2 चतुर्थी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वहीं दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इसी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत मनाया जाएगा। इस बार विनायक चतुर्थी 23 मई को पड़ रही हैं। विनायक चतुर्थी के नाम से ही समझ आ जाता है कि यह भगवान गणेश के लिए मनाई जाती है। इस दिन विधि विधान से गणेश जी की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा करना बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
विनायक चतुर्थी की तिथि
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ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 11:18 PM, 22 मई 2023
समाप्त – 12:57 PM, 24 मई 2023
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
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विनायक चतुर्थी व्रत के दिन सुबह उठ कर स्नानादि करके पीले या लाल रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद अब पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति रख कर उसका जलाभिषेक करें और सिंदूर का तिलक लगाएं। भगवान को अब दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान का भोग लगाएं। पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर और अगले दिन पंचमी तिथि में व्रत खोले। पारण के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें।
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
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इस दिन गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। विधि विधान से पूजा करने से आप के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में सुख एवं सौभाग्य बढ़ता है। भगवान गणेश जी की कृपा से तरक्की मिलती है। सभी रोग और दोष दूर हो जाते हैं।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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