
बीकानेर. राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में संचालित आवासीय विद्यालयों तथा छात्रावासों में शिक्षा विभाग के 54 शिक्षकों को एक साल की प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेशों में वरिष्ठ अध्यापकों, अध्यापकों, शारीरिक शिक्षकों, प्रयोगशाला सहायकों के नाम शामिल हैं। इन्हें चित्तौड़, सिरोही, जोधपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, उदयपुर, जयपुर, दौसा, झालावाड़, बारां, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों के जनजातीय क्षेत्रों में संचालित आवासीय विद्यालयों तथा छात्रावासों में लगाया गया है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर इस तरह की सिस्टर कंसर्न में जाने वाले शिक्षकों के पदों को एक्स केडर मानते हुए स्कूलों में रिक्त पद भरने की मांग की है। संगठन के प्रदेश महासचिव महेंद्र पांडे ने बताया कि सिस्टर कंसर्न में जाने वाले जिला शिक्षा अधिकारी तथा प्राचार्य स्तर के शिक्षा अधिकारियों के पद तो एक्स केडर माने जाते हैं लेकिन अध्यापकों, वरिष्ठ अध्यापकों तथा व्याख्याताओं के पदों को एक्स केडर नहीं माने जाने से मूल विभाग में इनके पद खाली रह जाते हैं। जिससे मूल विभाग की स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित होता है।
व्याख्याताओं के तबादलों की 5 और सूचियां जारी
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 31 अगस्त की तिथि में 5 तबादला सूचियां जारी की हैं, जिसमें जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान , गणित, समाजशास्त्र, उर्दू तथा शारीरिक शिक्षक प्रथम ग्रेड के 115 व्याख्याताओं के नाम शामिल हैं। सभी स्थानांतरित व्याख्याताओं को शाला दर्पण के माध्यम से कार्यमुक्त तथा कार्यग्रहण कराने, ग्रामीण स्वेच्छा सेवा के शिक्षकों को शहरी क्षेत्र में कार्यग्रहण नहीं कराने, लंबे समय से अनुपस्थित, निलंबित तथा कोर्ट से स्टे वाले प्रकरणों में भी कार्यमुक्ति तथा कार्यग्रहण नहीं कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जो वरिष्ठ अध्यापक , व्याख्याता के पद के विरुद्ध कार्यरत है तथा उस पद पर व्याख्याता कार्यग्रहण कर लेता है, तो ऐसे वरिष्ठ अध्यापकों को आदेशों की प्रतीक्षा में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के लिए कार्यमुक्त करने के निर्देश संस्था प्रधानों को दिए गए हैं।

















