बैण्ड स्टैण्ड: उम्मेद क्लब भी अब जाग गया

क्लब के सचिव लोकेन्द्र सिंह राजावत ने नगर विकास न्यास को पत्र लिखकर बैण्ड स्टैण्ड का जिम्मा क्लब को सौंपने की मांग की है। ताकि इसकी मरम्मत करवा कर पुन: उपयोग में लाने योग्य बनाया जा सके। इस पर जो भी खर्चा होगा, वह क्लब ही वहन करेगा। उन्होंने कहा कि बैण्ड स्टैण्ड और उम्मेद क्लब के बीच की सड़क चिड़ियाघर में जाने के लिए बनाई गई थी। अब चूंकि चिड़ियाघर अभेड़ा में शिफ्ट हो गया है तो इस कचरा सड़क को भी बैण्ड स्टैण्ड का हिस्सा बना दिया जाए ताकि यहां साफ सफाई भी रह सके।

-धीरेन्द्र राहुल-

धीरेन्द्र राहुल

(वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)

कोटा के उम्मेद क्लब के बगल में स्थित ऐतिहासिक बैण्ड स्टैण्ड के जीर्णोद्धार और पुन: उद्धार की दिशा में हम एक कदम ओर आगे बढ़े हैं।

इस बैण्ड स्टैण्ड और उम्मेद क्लब के बीच में एक सड़क है जो चिड़ियाघर के पीछे से होकर आकाशवाणी केन्द्र के सामने की सड़क पर खुलती है। यह सड़क आजकल लघुशंका करने, मलबा और कचरा डालने के ही काम आती है।

एक वक्त था जब बैण्ड स्टैण्ड उम्मेद क्लब का ही हिस्सा था।

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पिछले दिनों मेरी पोस्ट देखने के बाद उम्मेद क्लब भी इस दिशा में जागरूक हुआ है। क्लब के सचिव लोकेन्द्र सिंह राजावत ने नगर विकास न्यास को पत्र लिखकर बैण्ड स्टैण्ड का जिम्मा क्लब को सौंपने की मांग की है। ताकि इसकी मरम्मत करवा कर पुन: उपयोग में लाने योग्य बनाया जा सके। इस पर जो भी खर्चा होगा, वह क्लब ही वहन करेगा। उन्होंने कहा कि बैण्ड स्टैण्ड और उम्मेद क्लब के बीच की सड़क चिड़ियाघर में जाने के लिए बनाई गई थी। अब चूंकि चिड़ियाघर अभेड़ा में शिफ्ट हो गया है तो इस कचरा सड़क को भी बैण्ड स्टैण्ड का हिस्सा बना दिया जाए ताकि यहां साफ सफाई भी रह सके।

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बैण्ड स्टैण्ड के जीर्णोद्धार का बीडा उठाने वाले सरवेश हाड़ा का कहना था कि कोटा स्मार्ट सिटी परियोजना के विशेष सलाहकार आरडी मीणा उम्मेद क्लब के भी अध्यक्ष हैं। इसलिए बात बन जानी चाहिए। पृथ्वीपाल सिंह का कहना था कि क्लब के पास धन और प्रबंधन की कमी नहीं है। वे कुशलतापूर्वक बैण्ड स्टैण्ड पर मशकवादन शुरू करवा सकते हैं।

इतिहासविज्ञ फिरोज अहमद का कहना है कि नयापुरा स्थित उद्यान विभाग में रियासतकालीन कपड़े का नक्शा मौजूद है, जिसके अनुसार नयापुरा बाग जिसमें छत्रविलास बाग, क्षार बाग, नागाजी का बाग, किशोरसागर बाग शामिल था। यह बाग 570 एकड़ में फैला था जो अदालत चौराहे तक था। कालान्तर में इसमें अदालतें, महाराव भीमसिंह अस्पताल, जेल, राजकीय महाविद्यालय, वोकेशनल, जेडीबी, जेके बैडमिंटन हाल, आकाशवाणी केन्द्र, सैन्य छावनी, ये सब बाग की ही जमीन पर बने हैं। कहते हैं, इतना बड़ा बाग राजस्थान में कहीं नहीं था।

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पृथ्वीपाल सिंह का कहना था कि चिड़ियाघर तो शिफ्ट हो गया, अब यहां सिर्फ उपवन संरक्षक का कार्यालय है। इसके परिसर में विविध प्रकार के सैंकड़ों पेड़ हैं। अलग थलग पड़े इस परिसर को भी छत्रविलास बाग का हिस्सा बनाया जाए। दीवारें तोड़ी जाए और पीछे की सड़क को भी बाग में शामिल किया जाए। हां, पौधों की नर्सरी और उपवन संरक्षक कार्यालय को यथावत रखा जा सकता है।

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