
– पुनरूद्धार के प्रस्ताव बनाऐ जाऐंगे
कोटा। भारतीय सांस्कृतिक निधि -इंटेक के पदाधिकारियों ने गुरूवार को ऐतिहासिक नांता महल का दौरा कर दुर्दशा पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को महल के पुनरूद्धार की योजना बना कर शीघ्र ही काम शुरू करना होगा।
इंटेक के कंवीनर निखिलेश सेठी, कोकंवीनर बहादुर सिंह हाड़ा, प्राकृतिक विरासत प्रकोष्ठ के प्रमुख बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि इंटेक शीघ्र ही जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को महल के पुनरूद्धार को लेकर सुझाव देगी जिससे प्रस्ताव बना कर सक्षम विभाग इसे अपने अधिकार में ले। महल जर्जर अवस्था में है और वहां चल रहे स्कूलों के कारण स्कूली बच्चों के साथ कभी भी हादसा हो सकता है। पुरामहत्व के महल में कचरे के ढेर लगे है। दीवारे और छते जर्जर है कलात्मक प्रतिमाऐं या तो चोरी हो गई या खंडित। प्राचीन जल संरचना और फव्वारे भी गंदगी के कारण लुप्त हो गए।

कलात्मक रघुनाथ जी का मंदिर देखरेख के अभाव खण्डहर हो रहा है। जिला प्रशासन को वृहद कार्ययोजना बना कर इसे संरक्षित करना चाहिए जिससे पर्यटन प्रोत्साहन के साथ ही भवन का संरक्षण हो। मंदिर परिसर में ही स्कूल के बच्चे पढ़ते हैं क्यांेकि स्कूल प्रशासन पर्याप्त सुरक्षित कमरों की व्यवस्था नहीं कर सके।

हाड़ा ने बताया कि पूर्व में यहां संरक्षात्मक कार्य शिक्षा विभाग ने कराए लेकिन उचित व्यवस्था न होने के कारण महल का अस्तित्व ही संकटग्रस्त है। सेठी ने बताया कि इंटेक सदस्य जिला कलेक्टर से मिल कर संयुक्त देखरेख के लिए कमेटी का गठन और महल की मरम्मत के प्रस्ताव तैयार करेगा।