
-डाँ आदित्य कुमार गुप्ता-

किताबें ऊर्जा की स्रोत
किताबें देती हैं जिन्दगी
जिन्दगी की बात हो तो
किताबों की बात होगी ही
किताबें होगींं तो जिन्दगी की वकालात होगी
क्योंकि किताबों में फलसफ़ा है जग-जिन्दगी का।
किताबों में चेतना विलसती
भुवन त्रय की ।
अँधेरे भरे तिर्यक रास्तों में
किताबों की कौंध रखती है
संभाल के
जीवन पथ पर ,मानव को
बचा लेती है भटकन से
जग-अरण्य की अमराईयों में ।
किताबें है तो मानस में
खिलती है धूप ज्ञान की
चमकती है आभा मान की
मिलता है अंतर्मन को
नया प्रभात आशाओं का
जीवन -सागर में उठती लहरें
बिखेरने लगती ह़ैं मणि मुक्ता
हृदय के मुक्तावस्था की ।
डाँ आदित्य कुमार गुप्ता कोटा