विरोध के बावजूद संपन्न हुआ नेत्रदान

-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

कोटा। नया नोहरा,बाराँ रोड,निवासी लेखराज और लक्ष्मी नारायण के पिताजी श्री हरि बल्लभ जी (65 वर्ष) का हृदयघात आकस्मिक निधन हो गया । इस दुखद घटना का और अधिक आधात इसलिए हुआ,क्योंकि 2 दिन बाद ही हरीवल्लभ जी के पोते विशाल का विवाह था। अचानक हुई इस दुखद घटना के कारण परिवार में कोहराम मच गया। एक तरफ विशाल की शादी की खुशियों में पूरा परिवार और समाज के लोग घर पर इकट्ठे हो चुके थे और जैसे ही यह घटना घटी सारी खुशियाँ मातम में बदल गयी।

लेखराज व लक्ष्मी नारायण,शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र के तौर पर पिछले 7 वर्षों से संस्था के साथ नेत्रदान-अंगदान और देहदान के लिए कार्य कर रहे हैं। पूरा परिवार सामाजिक कार्य से जुड़ा हुआ है।
दुख की घड़ी में भी दोनों भाइयों ने निर्णय करके पिताजी के नेत्रदान करवाने की बात शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को कही। जारवाल (लश्करी) समाज में यह पहला नेत्रदान सम्पन्न हुआ, परंतु जैसे ही हरीवल्लभ जी के नेत्रदान की बात क़रीबी रिश्तेदारों और समाज के लोगों में गयी, तो सभी ने इस बात का विरोध किया। नेत्रदान लेने के लिए आने वाली टीम को भी दो तीन बार आने के लिए और मना के लिए भी कहा, अंत में काफी विरोध सहने के बाद दोनों बेटों ने अपने पिताजी की अंतिम इच्छा नेत्रदान को पूरा करवाया। संस्था के सहयोग से निवास स्थान पर ही नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ।

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