
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा के जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि महात्मा गांधी का सपना केवल देश को आजाद करवाना ही नहीं था बल्कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना करने और सामाजिक बुराइयों से सभी तबकों को दूर करने का था। उनका दर्शन था कि साधन और साध्य दोनों की पवित्रता रहे। उन्होंने सत्याग्रह की ताकत से अपने संकल्पों में सफलता पाई।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर आज शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में ‘‘गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है’’ विषयक संगोष्ठी को संबोधत करते हुये श्री बुनकर ने कहा कि राज्य सरकार ने अहिंसा और शांति प्रकोष्ठ की स्थापना कर नई पीढ़ी को गांधीवादी दर्शन और सोच से जोड़े रखने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। वर्तमान में छोटी-छोटी बातों पर हिंसा और उग्रता की प्रवृतियां हावी है, ऐसे में महात्मा गांधी के क्षमा, सत्याग्रह जैसे सिद्धांत बेहद प्रासंगिक है। इन सिद्धांतों को हमें जीवन में आत्मसात करना चाहिए। कथनी और करनी का भेद मिटाना होगा। उन्होंने नेल्सन मंडेला का उदाहरण देते हुए आह्वान किया कि हमें भी महात्मा गांधी के आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए।
मुख्य वक्ता गांधी जयंती समारोह समिति के सदस्य नरेश विजयवर्गीय ने कहा कि सभी अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करें तो महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि हमने स्वतंत्रता को उच्छृंखलता बना दिया जबकि स्वतंत्रता में अनुशासन निहित रहता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने सत्य के प्रयोग के रूप में जीवन मंत्र दिए हैं। उन्होंने हर विषय पर अपना जीवन दर्शन प्रस्तुत किया है जो कल भी प्रासंगिक था और आने वाले समय में भी प्रासंगिक रहेगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने मशीनों का विरोध नहीं किया लेकिन इन पर निर्भरता के वह पक्षधर नहीं थे। उनका जोर आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार पर था। उन्होंने उस समय ऐसे विचार दिए जो आज भी वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिक है।
राजीविका की परियोजना अधिकारी नेहा चतुर्वेदी ने महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के सह संयोजक संदीप दिवाकर, राजीविका के ही भरत, संजय पालीवाल एवं अन्य ने भी विचार व्यक्त किए। एसीईओ सरिता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी का संचालन आईईसी कोऑर्डिनेटर रविंद्र श्रीवास्तव ने किया। आरंभ में गांधी जी के प्रिय भजन ‘‘वैष्णव जन तो तेने कहिए..’’ का गायन भी किया गया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को सभी राजकीय कार्यालयों में दो मिनट का मौनधारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर जिले भर में शहीद दिवस के रूप में मनाया गया जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम में आयोजित समारोह में सर्व धर्म प्रार्थना सभा एवं गांधी जी के प्रिय भजनों की रामधुनी का कार्यक्रम आयोजित किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छायाचित्र पर अधिकारियों जनप्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में कार्यवाहक संभागीय आयुक्त राजपाल सिंह, महानिरीक्षक पुलिस प्रसन्न कुमार खमेसरा, जिला कलक्टर ओपी बुनकर, कार्यवाहक एसपी सिटी प्रवीणकुमार, आयुक्त नगर निगम अनुराग भार्गव सहित जनप्रतिनिधि अधिकारी उपस्थित रहे। सभी कार्यालयों में जिलेभर में प्रातः 11 बजे 2 मिनट का मौन रखकर गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

















