– विवेक कुमार मिश्र-

चित्र/ रेखांकन अपने आप को पूरा जानने देखने समझने का एक तरीका है। जब आपके पास समय हो , सुकून हो तो कलम चल ही पड़ती है।

एक गति के साथ रेखाएं बात करती सी महसूस करती हैं और कागज पर उतरते रंग और रेखा के साथ आकृतियां जीवन को अभिव्यक्त करने लगती हैं।

कलाकृति किसी भी रूप में क्यों न हो वह एक व्याख्या की मांग नहीं करती उसे जितनी बार देखे नये नये अर्थ प्रकाशित होते रहते हैं ।
– विवेक कुमार मिश्र
(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)
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