सावन की रिमझिम रिमझिम में छम-छम करती पायल भी ला

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फोटो साभार अखिलेश कुमार

-चाँद ‘शैरी’-

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चाँद ‘शैरी’

काले-काले बादल भी ला
उन नयनों का काजल भी ला

सच को तोल में रखना है
दरवाजे की सॉकल भी ला

सावन की रिमझिम रिमझिम में
छम-छम करती पायल भी ला

भर कर ऊपर तक उल्फ़त से
अपने मन की छागल भी ला

मीठी-मीठी बोली बोले
घर में ऐसी कोयल भी ला

‘शेरी’ अपनी ग़ज़लों में अब
गंगा-जमुना- चम्बल भी ला

चाँद ‘शैरी’ (कोटा)

098290-98530

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