हरी दूब पर, किरणों का मिलन। ओस के मोतियों का झिलमिलाना ।।

-मनु वाशिष्ठ-

manu vashishth
मनु वशिष्ठ

स्वागत है सर्दी!????????
सुनहरे मौसम ने दी है दस्तक
भोर हुई नजारा भी है सुहाना।
साथ ही मनभावन गुलाबी ठंड
फिर सुबह उठ कर घूमने जाना।
रात हुई विदा,भोर में थोड़ी देर है
सोई हुई खुशी को भी है जगाना।
स्वागत है सर्दी!????????
गई शरद, हेमन्त ऋतु आई
बढ़ गई सर्दी थोड़ा कंपकंपाना
हरी दूब पर, किरणों का मिलन
ओस के मोतियों का झिलमिलाना
पहने गरम टोपी, शॉल दुशाला
गर्म चाय का आनंद उठाना।
कौन ना मुरीद हो इस मौसम का
प्रकृति ने दिया सेहत का खजाना।
__ मनु वाशिष्ठ, कोटा जंक्शन राजस्थान

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