
-मनु वाशिष्ठ-

पहले ज्यादातर घरों में बच्चियों के खेलने के लिए रस्सी एक आवश्यक सामग्री हुआ करती थी। जो थोड़ा अच्छे परिवार की हैं तो स्टाइल वाली रंग बिरंगी, हैंडल वाली जिसे आसानी से पकड़ सकें। नहीं तो साधारण तो सबके पास। बस अपने नाप के अनुसार छोटी बड़ी रस्सी काटकर किनारों पर गांठ लगाई, और हो गई तैयार कूदने के लिए। ना ज्यादा खर्चा न कोई रखरखाव, लेकिन है बड़े काम की। बचपन में आप भी कई बार कूदी होंगीं। सभी मिलजुल कर इससे कूदते थे। पहले यह खेल का जरूरी उपकरण था। कभी दोनों किनारों को दूर, दो बच्चों द्वारा पकड़ कर बीच में रस्सी पर कूदना, या चलती रस्सी में घुस जाना और चलती रस्सी में से बाहर आ जाना, कुशल खिलाड़ी का काम होता था। अब इसका अस्तित्व कम होता जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका प्रयोग बढ़ रहा है।
आज इसे हम खेल का नाम न देकर व्यायाम की तरह प्रयोग कर सकते हैं। इस पुरानी सी चीज से आपके जिम का खर्चा भी बचेगा।
रस्सी कूदना शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। एक शोध के माने तो पंद्रह मिनट रस्सी कूदने से दो सौ कैलोरी बर्न होती है। दस मिनट रस्सी कूदना आठ मिनट दौड़ने के समतुल्य है। पूरा शरीर गतिमान रहता है, जिस जगह ज्यादा फैट वहां अधिक दबाव पड़ता है। फलस्वरू हर रोज रस्सी कूदने से शरीर पर जमा अतिरिक्त फैट समाप्त होने में सहायता मिलती है।
कंधे, बाजू, और पीठ के लिए रस्सी कूदना बहुत ही लाभकारी है। हाथ और कंधे मजबूत होते हैं। कम समय में पूरे शरीर का व्यायाम, ना किसी से सीखना ना ही कोई स्थान या सामग्री विशेष की जरूरत। फिर भी सारे शरीर का अंगसंचालन होकर शरीर चुस्त व ऊर्जावान, हड्डियां मजबूत व स्वस्थ रखने का प्राकृतिक तरीका है।
रस्सी कूदने से गहरी सांस ली जाती है, जिससे ऑक्सीजन अधिक मात्रा में पहुंचकर फेफड़ों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं, पूरे शरीर में रक्त संचार तेजी से होता है। त्वचा को पोषण मिलता है। पसीना भी आता है, इस प्रकार शरीर से विजातीय द्रव्य बाहर निकल कर शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक हैं। हार्मोन्स बैलेंस होते हैं, जिससे तनाव भी कम होता है,अवसाद से भी मुक्ति मिलती है। शारीरिक ही नहीं मस्तिष्क के लिए भी गुणकारी है। सभी अंग अधिक कार्यक्षमता से कार्य करते हैं।
रस्सीकूद के जरिए आप कहीं भी कभी भी अपनी “फिजिकल फिटनेस विदआउट ऐनी ट्रेनर” चालू रख सकते हैं। सबसे सस्ता खेल,उपकरण, गजब की एक्सरसाइज। शुरुआत में रस्सी कूदने से पैरों, जांघों में दर्द या जकड़न हो सकती है। इसका कारण आपकी काफी समय से सुस्त पड़ी मांसपेशियां हैं। धीरे धीरे समय बढ़ाइए, कुछ ही दिनों में सब ठीक हो जायेगा, गति धीमी रखें।
रस्सी कूदने में शरीर के सभी अंग प्रयोग होते हैं जिसकी वजह से हाथ, कंधे, कलाई, पैर, पेट, हृदय, फेफड़े के अतिरिक्त सभी अंगों का व्यायाम, स्टेमिना बढ़ता है। सबसे #सस्ता खेल साथ ही गजब की exercise.फिर भी सावधानी तो बरतनी ही चाहिए।
__ मनु वाशिष्ठ, कोटा जंक्शन राजस्थान