-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
सर्पगंधा.Rauvolfia serpentina.

इसका इस्तेमाल वैदिक समय से स्नेक सर्पदंश, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, मनोवैज्ञानिक विकार, मिर्गी, पेट के रोग, बुखार, घाव और सिजोफ्रेनिया के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में भी इसका वर्णन है। साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर में इस्तेमाल किए जाने के कारण इसे ‘पागलपन की जड़ीबूटी’ के नाम से भी जाना जाता है।
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