
-ए एच ज़ैदी-

(नेचर प्रमोटर)
बया एक छोटा सा खूबसूरत पक्षी है जो अपनी सूझ बूझ से ऐसा आशियाना बनाता है जिसे अन्य पक्षी नही बना पाते। यह पक्षी एक एक तिनका जोडकर उसको इस खूबसूरती से आपस में पिरोता है कि घोसला आंधी-पानी और तूफान को मजबूती से झेल लेता है। इस घोसले की मजबूती का आलम यह रहता है कि बया के अंडे व बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। बया पक्षी न केवल घोसले में धूप पानी से बचाव का इंतजाम करता है बल्कि घोंसले में पार्टीशन भी बनाता है। पहले घोसला बनाने के कार्य को अकेले नर पक्षी करता है लेकिन बाद में यदि मादा को घोसला पसंद आ जाए तो वह भी इस कार्य में मदद करने को जुट जाती है। बया सुरक्षा की दृष्टि से पेड़ की बारीक टहनी पर तिनके सीकर घोंसला बनाते है। फिर भी सांप इनमें अंडे बच्चो को नुकसान पहुचाते है।
बया के प्रजनन का समय मई से सितंबर होता है। मादा एक बार मे 2 से 4 अंडे देती है। यह स्थानीय पक्षी है। हमने अपने गावो में घरों के आसपास के पेड़ों पर बहुत घोसले देखे होंगे। खेतो में जाने के रास्ते मे लगे पेड़ो पर ये खूबसूरत घोंसले अभी दिखाई दे रहे है। बया पक्षी के प्रजनन के बाद अन्य पक्षी भी इसी घोसले का प्रयोग कर लेते है उनमें से एक सिल्वर बिल पक्षी भी ऐसा ही है। इसलिए बया के घोसले को नुकसान पहंुचाने के बजाय इसे पेड़ पर लगे रहने देना चाहिये ।

















