-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
गांगेरुकी को आयुर्वेद में उत्तम औषधि माना जाता है। इसकी लकड़ी का काढ़ा खांसी के लिए, छाल के नीचे चिपचिपा पदार्थ कीट प्रतिरोधी, सर्पदंश के लिए जड़ का काढ़ा, हड्डी फ्रेक्चर के लिए जड़ें, तपेदिक के जड़ों के साथ मिश्रित उबला हुआ काढ़ा, उपयोग किया जाता है। जड़ों को दूध में उबालकर बच्चों को टॉनिक के रूप में दिया जाता है।

इसके बीज कब्जकारी होते हैं इसलिए पेचिश में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा रक्ताल्पता, टॉनिक, रेचक, कृमिनाशक,पेट की सूजन में भी इसका इस्तेमाल होता है।हेपेटाइटिस और फोड़ा में इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है।



(विशेषज्ञ की सलाह पर ही उपयोग करें)

















