
-देवेंद्र यादव-

राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी सरकार की नीतियों के खिलाफ जितना एग्रेसिव अभी देखा जा रहा है, वैसा पहले नहीं देखा जाता था। यही वजह थी कि कांग्रेस और राहुल गांधी के संदर्भ में राजनीतिक गलियारों और मीडिया में अक्सर चर्चा होती थी कि कांग्रेस कहां है और राहुल गांधी गंभीर नहीं हैं। लेकिन अब राहुल गांधी गंभीर भी नजर आ रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी सरकार की नीतियों के खिलाफ एग्रेसिव होकर आवाज भी उठा रहे हैं। इसकी वजह कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं और कांग्रेस को मानने वाले लोगों का मिलने वाला जबरदस्त साथ है। जिसका अभाव लंबे समय से देखा जा रहा था और कहा जा रहा था कि राहुल गांधी अकेले हैं उनके साथ कांग्रेस का कोई नेता नहीं है जो उनकी आवाज के साथ आवाज मिलाए। अक्सर राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अकेले लड़ता हुआ देखा जाता था। लेकिन अब राहुल गांधी के साथ न केवल कांग्रेस संगठन बल्कि नेता कार्यकर्ता और महागठबंधन और उनके नेता कांग्रेस विचारधारा को मानने वाले लोग खड़े नजर आ रहे हैं।
हाल के 15 दिन के भीतर कांग्रेस ने दो बड़े सम्मेलन आयोजित किए। एक दिल्ली में 25 जुलाई को ओबीसी वर्ग का और दूसरा 2 अगस्त को दिल्ली के विज्ञान भवन में विधिक प्रकोष्ठ का। यह दोनों ही सम्मेलन सफल रहे। खास बात यह रही की दोनों ही सम्मेलनों में ऐतिहासिक भीड़ नजर आई और पहली बार ओबीसी और विधिक प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस की विचारधारा को मानने वाले लोग भी उपस्थित रहे। 2 अगस्त को कांग्रेस के विधिक प्रकोष्ठ का सम्मेलन, महत्वपूर्ण है। इसी में राहुल गांधी चुनाव आयोग पर मतदाता सूचियों में घपलाकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को मदद करने का आरोप लगा रहे थे। राहुल गांधी ने ऐलान किया है कि वह इसका जनता के बीच बड़ा खुलासा करेंगे। संभव से वह 5 अगस्त को कर्नाटक के बेंगलुरु से इसका शुभारंभ करेंगे। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता सूचियों में घोटाले करने का खुलासा करने से पहले अपने विधिक प्रकोष्ठ का सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में देश भर के नामी वकीलों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सम्मेलन में याद दिलाया कि आजादी के आंदोलन में वकीलों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। ज्यादातर स्वतंत्रता सेनानी वकील थे। कांग्रेस के दोनों बड़े नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज संविधान खतरे में है और संविधान के साथ देश भी खतरे में है। इसे बचाने के लिए एक बार फिर से स्वतंत्रता संग्राम की तरह वकीलों को आगे आना चाहिए।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की वकीलों के सम्मेलन में कहीं बातों से लगता है कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी से आर पार के मूड में आ गई है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के द्वारा की जा रही धांधली का खुलासा, करने के लिए अगस्त का महीना ही क्यों चुना। अगस्त महीना ऐतिहासिक महीना है अगस्त क्रांति और स्वतंत्रता दिवस अगस्त महीने में ही आते हैं। कांग्रेस विधि विभाग के सम्मेलन में उपस्थित वकीलों को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के द्वारा यह बताना कि स्वतंत्रता आंदोलन में वकीलों की महत्वपूर्ण भूमिका थी, इशारा करता है कि अगस्त महीने में कांग्रेस और राहुल गांधी कुछ बड़ा करने वाले हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)