गन्नौर से टिकट न मिलने पर हरियाणा युवा आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र कादियान ने भाजपा छोड़ी

devendra kadiyan
देवेंद्र कादियान

-राजेन्द्र सिंह जादौन-

चंडीगढ़। हरियाणा युवा आयोग के चेयरमैन और भाजपा नेता देवेंद्र कादियान ने मंगलवार को भाजपा छोड़ दी। इससे सोनीपत जिले की गन्नौर विधानसभा सीट पर भाजपा को बड़ा झटका लगा है। करीब 10 साल से कादियान क्षेत्र में सक्रिय थे।
कादियान गन्नौर से भाजपा की टिकट पर दावा ठोक रहे थे। माना जा रहा है कि टिकट की उम्मीद ना होने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। चर्चा है कि भाजपा पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक काे गन्नौर से टिकट देने का फैसला कर चुकी है। हालांकि वर्तमान विधायक निर्मल चौधरी भी टिकट के लिए जोर आजमाइश में लगी हैं।
देवेंद्र कादियान ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर पार्टी छोड़ने व निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी निकल आए। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग 100 करोड़ रुपए देकर टिकट लेकर आए हैं।
देवेंद्र कादियान ने पोस्टर जारी किया है, जिस पर लिखा है, गन्नौर में होगा न्याय। देवेंद्र कादियान ने कहा, ‘वे सबसे अपील करते हैं कि कृपया सच्चाई के साथ चलिए, कृपया वफादारी के साथ चलिए, कृपया इंसानियत के साथ चलिए। दिखा दीजिए कि असली टिकट गन्नौर के अंदर है। यह 100 करोड़ में खुद की टिकट लेकर आए हैं। वे आपको करोड़ों में खरीदने की बात कर रहे हैं, लेकिन मैंने कभी इस हलके में कोई आदमी बिकाऊ नहीं दिखा।
देखता हूं वह कैसे खरीदेगा। मेरी अपील है कि दो नंबर के पैसे लेने से मना मत करना, गठरी आएगी पैसों की रखवा लेना। मना मत करना। गौशालाएं हैं, मंदिर हैं। किसी भी अच्छी जगह ये पैसे लगा देना, लेकिन इनके 100 करोड़ निकालने हैं।’
देवेंद्र कादियान मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शूरुआत युवा कांग्रेस में की। वे राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में भूपेंद्र हुड्‌डा से नाराजगी के बाद कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। 2019 में उन्होंने रथ यात्रा निकली थी। तब वे भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दे दी। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब मनोहर लाल खट्‌टर ने उन्हें मनाया था।
देवेंद्र क्षेत्र में समाजसेवी की छवि रखते हैं। फ्री में एंबुलेंस चला रहे हैं, गरीब युवाओं की शिक्षा में भी सहयोग कर रहे हैं। देवेंद्र कादियान इस बार अपनी टिकट को पक्का मान कर चल रहे थे, लेकिन अब भाजपा के जवाब देने के बाद उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया।

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